तीन दलों को एक-दूजे पर भरोसा नहीं, फडणवीस ने पूछा - अगर बहुमत है तो सरकार को इतना डर किस बात का

तीन दलों को एक-दूजे पर भरोसा नहीं, फडणवीस ने पूछा - अगर बहुमत है तो सरकार को इतना डर किस बात का

Tejinder Singh
Update: 2021-07-15 15:45 GMT
तीन दलों को एक-दूजे पर भरोसा नहीं, फडणवीस ने पूछा - अगर बहुमत है तो सरकार को इतना डर किस बात का

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में खुले मतदान का तरीका अपनाने के लिए राज्य सरकार की ओर से नियमों में बदलाव की तैयारी पर विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने निशाना साधा है। गुरुवार को फडणवीस ने कहा कि यदि महाविकास आघाड़ी के पास बहुमत है तो राज्य सरकार इतनी डर क्यों रही है? भायंदर में पत्रकारों से बातचीत में फडणवीस ने कहा कि महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों को एक-दूसरे पर विश्वास नहीं है। इसलिए सरकार की ओर से नियमों में बदलाव की कोशिश की जा रही है। फडणवीस ने कहा कि विधानसभा के कामकाज के नियमों में बदलाव के प्रस्ताव पर बैठक विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में होनी चाहिए। यदि विधानसभा अध्यक्ष बैठक की अध्यक्षता नहीं करते हैं तो बैठक अवैध मानी जाएगी। विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरी झिरवाल को बैठक बुलाने का अधिकार नहीं है। हालांकि फडणवीस ने भले यह दावा किया है, लेकिन विधानमंडल सचिवालय ने बीते 5 जुलाई को एक आदेश जारी किया है। इसमें विधानसभा के नए अध्यक्ष चुने जाने तक झिरवाल को विधानसभा नियम समिति का कार्यकारी समिति प्रमुख बनाया गया है। सूत्रों के अनुसार नियमों में बदलाव को लेकर एक बैठक हो चुकी है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है। 

दल-बदल विरोधी कानून के तहत नियमों में बदलाव का अधिकार- पटोले 

इस पर विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि महाराष्ट्र विधान परिषद में सभापति पद के चुनाव में सदन के सदस्य हाथ खड़ा करके उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करते हैं जबकि विधान सभा में गुप्त मतदान का प्रावधान है। देश की संसद और कई राज्यों के विधानसभा में दल-बदल विरोधी कानून नियमों में बदलाव किया चा चुका है लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा में अब तक नियमों में बदलाव नहीं हुआ था। इस कानून के तहत नियमों में बदलाव की जरूरत थी। इसके लिए सरकार तैयारी कर रही है। सरकार कोई नया प्रावधान नहीं कर रही है।

पंकजा पर जवाब टाल गए फडणवीस 

भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे ने अपनी बहन तथा सांसद प्रीतम मुंडे को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने पर अप्रत्यक्ष रूप से फडणवीस पर निशाना साधा था। हालांकि फडणवीस पंकजा पर जवाब देने से बचते नजर आए। उन्होंने कहा कि मैंने पंकजा का भाषण नहीं सुना है। पंकजा को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील स्पष्टीकरण दे चुके हैं। इसलिए मुझे इस पर अधिक बोलने की जरूरत नहीं है। 

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