देशमुख की जांच के लिए गठित आयोग को दीवानी न्यायालय का अधिकार, फडणवीस ने उठाए थे सवाल 

देशमुख की जांच के लिए गठित आयोग को दीवानी न्यायालय का अधिकार, फडणवीस ने उठाए थे सवाल 

Tejinder Singh
Update: 2021-05-07 12:01 GMT
देशमुख की जांच के लिए गठित आयोग को दीवानी न्यायालय का अधिकार, फडणवीस ने उठाए थे सवाल 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार ने राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लगे 100 करोड़ रुपए के हफ्ता वसूली के आरोपों की जांच के लिए गठित हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति कैलाश चांदीवाल समिति को अब दिवानी न्यायालय का अधिकार दे दिया है। इससे चांदीवाल समिति को जांच आयोग अधियनिम 1952 की धारा 4,5,5 अ, 8 व 9 लागू रहेगी। सरकार की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। इसके अनुसार सरकार ने देशमुख पर लगे जांच के स्वरूप और सार्वजनिक महत्व का मामला होने के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। इससे पहले मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने देशमुख पर 100 करोड़ रुपए वसूली का आरोप लगाया था। इसके बाद सरकार ने देशमुख पर लगे आरोपों की जांच के लिए चांदीवाल समिति का गठन बीते 30 मार्च को किया था।

अब सरकार ने चांदीवाल समिति को दिवानी न्यायालय का अधिकार देने का फैसला किया है। वसूली के आरोपों पर बाम्बे हाईकोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश के बाद देशमुख ने 5 अप्रैल को इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले चांदीवाल समिति के अधिकार को लेकर विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी सवाल उठाए थे। फडणवीस ने कहा था कि सरकार ने चांदीवाल समिति को जांच आयोग अधिनियम 1952 के तहत न्यायालयीन आयोग का अधिकार नहीं दिया है। ऐसे में चांदीवाल समिति बिना किसी अधिकार के देशमुख के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कैसे कर सकेगी? फडणवीस ने कहा था कि  चांदीवाल समिति को कानून के तहत कोई अधिकार नहीं दिए गए हैं। 

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