पापा और मैडम की मार से डरकर मासूम ने कैरोसिन डालकर आग लगाई

पापा और मैडम की मार से डरकर मासूम ने कैरोसिन डालकर आग लगाई

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-09 13:51 GMT
पापा और मैडम की मार से डरकर मासूम ने कैरोसिन डालकर आग लगाई

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। स्कूल में मैडम और साथ के बच्चे मारते हैं और घर पर पापा। इस बात से परेशान होकर एक मासूम ने स्कूल से घर आकर केरोसीन डालकर आग लगा ली। घटना शुक्रवार दोपहर तकरीबन साढ़े 3 बजे की है। राजपाल चौक RSS कार्यालय के सामने रहने वाले आयुष पिता आलोक तिवारी उम्र 12 वर्ष वनस्थली पब्लिक स्कूल में कक्षा 5 में पढ़ता है। शुक्रवार को वह रोज की तरह स्कूल से घर लौटा और बाद मेें खुद पर केरोसिन डालकर आग लगा ली। घर में उसकी 9 वर्ष की छोटी बहन गौरी मौजूद थी, गौरी ने जैसे-तैसे पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की और पड़ोसियों को सूचना दी। जब तक आयुष झुलस गया था। आयुष का इलाज जिला अस्पताल के बर्न वार्ड में चल रहा है, जहां डॉक्टरों ने उसे 50 फीसदी से ज्यादा झुलसा हुआ बताया है। आयुष के पिता और परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। 

पुलिस के नाम पर डरा दिया था 
आयुष के पिता आलोक तिवारी नगरनिगम कार्यालय के सामने ठेले पर चाय की दुकान चलाते हैं। इस घटना के लिए उन्होंने स्कूल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि यदि बच्चे शरारत करते हैं तो शिक्षकों को समझाना था, लेकिन उसे पुलिस का डर बताया गया जिसके कारण उनके लड़के ने आग लगा ली। उनका आरोप है कि शिक्षिका और प्राचार्य ने उसे अपने मां-बाप के साथ पुलिस को लाने की धमकी दी, इससे घबराकर आयुष ने यह कदम उठाया है। 

आयुष ने कहा घर में भी मारते, यहां भी मार रहे
वनस्थली पब्लिक स्कूल प्राचार्य रणधीर ताम्रकार का कहना है कि शुक्रवार को क्लास में आयुष की किसी बच्चे के साथ लड़ाई हो गई थी जिस पर शिक्षिका ने उसे फटकार लगाई। इस पर आयुष का कहना था कि मुझे घर में पापा भी मारते हैं और स्कूल में भी मार रहे हैं....। इस बात पर उसने शिक्षिका को कहा कि मैं पुलिस लेकर आउंगा। बाद में शिक्षिका और हमने बार-बार समझाया लेकिन वह यही कहता रहा कि मेरे को सभी मारते हैं। हमने उसे माता-पिता को लाने के लिए कहा था। इसके पहले भी आयुष की शरारत के कारण उसकी दो बार टीसी जारी हो चुकी थी, लेकिन माता-पिता के निवेदन पर उसे पढ़ा रहे थे।

चिकित्सक बोले हालत स्थिर
चिकित्सक डॉ संजय राय का कहना है कि बच्चे का प्राथमिक इलाज किया गया है। बच्चा 40 से 50 फीसदी तक झुलसा है। शरीर गर्दन के नीचे, पीठ एवं सीने की ओर जला है। अभी बहुत ज्यादा नाजुक स्थिति नहीं है हालांकि बच्चा होने के कारण उसे तकलीफ ज्यादा है।

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