यूपीएससी परीक्षा में उर्त्तीर्ण महाराष्ट्र के छात्रों का हुआ सत्कार, जल प्रबंधन के मामले में भी राज्य का प्रदर्शन औसत

यूपीएससी परीक्षा में उर्त्तीर्ण महाराष्ट्र के छात्रों का हुआ सत्कार, जल प्रबंधन के मामले में भी राज्य का प्रदर्शन औसत

Tejinder Singh
Update: 2019-08-25 09:28 GMT
यूपीएससी परीक्षा में उर्त्तीर्ण महाराष्ट्र के छात्रों का हुआ सत्कार, जल प्रबंधन के मामले में भी राज्य का प्रदर्शन औसत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साल 2018 की संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए महाराष्ट्र के 25 छात्रों का शनिवार को यहां के मावलंकर सभागार में आयोजित समारोह में सत्कार किया गया। सेवानिवृत्त विदेश सचिव ज्ञानेश्वर मुले द्वारा स्थापित पुढचे पाउल संस्था की ओर से यह सत्कार समारोह आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में अतिथि के रुप में वरिष्ठ अधिकारियों में सेवा निर्यात परिषद की महानिदेशक संगीता गोडबोले, आईपीएस अधिकारी सदानंद दाते, सेवानिवृत्त विदेश सचिव ज्ञानेश्वर मुले और नौसेना वाइस एडमिरल उन्मेष पवार मौजूद थे। इस मौके पर यूपीएससी परीक्षा में देश में 11वां स्थान प्राप्त करने वाली तथा ज्ञानेश्वर मुले की कन्या प्रियदर्शनी मुले, 16वां स्थान प्राप्त करने वाली तृफ्ति घोडमिसे के अलावा अन्य छात्रों ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी और उनके अनुभवों पर प्रकाश डाला। इस मौके पर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

जल प्रबंधन के मामले में महाराष्ट्र का प्रदर्शन औसत

महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाडा के कुछ हिस्से लगातार तीसरे साल भी सूखे की मार झेल रहे है। बावजूद इसके प्रदेश में जल प्रबंधन के प्रयास नाकाफी दिखाई दे रही है। नीति आयोग की जल प्रबंधन सूचकांक (सीडब्ल्यूएमआई 2.0) रिपोर्ट में राज्य की स्थिति को औसत बताया गया है। नीति आयोग ने शुक्रवार को जल प्रबंधन सूचकांक जारी किया है। इसमें बताया गया है कि पानी के प्रबंधन के मामले में लगभग सभी बड़े राज्य पिछड़े साबित हुए है जिसमें महाराष्ट्र भी शामिल है। राज्य का जल प्रबंधन के मामले में वर्ष 2015-16 और 2016-17 में जहां क्रमश: 4 और 5वां स्थान है, वहीं संदर्भ वर्ष 2017-18 में राज्य को 8वां स्थान प्राप्त हुआ है। हालांकि इंडेक्स के आंकड़े बताते है कि तीन साल के दौरान 80 प्रतिशत राज्यों ने पिछली बार से इस बार बेहतर किया है। रिपोर्ट के मुताबिक जल प्रबंधन के मामले में गुजरात सबसे अव्वल है, जबकि उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली जैसे घनी आबादी वाले राज्यों का प्रदर्शन खराब रहा है। वाटर बॉडीज को लेकर बेहतर प्रद र्शन करने वाले राज्य मध्यप्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु हैं, वहीं ग्राउंड वाटर को लेकर आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश और हिमाचल प्रदेश ने बेहतर काम किया है।


 

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