खालिस्तानी उग्रवाद को जिंदा करने की कोशिश में जुटे थे आरोपी, आरोप पत्र दायर

खालिस्तानी उग्रवाद को जिंदा करने की कोशिश में जुटे थे आरोपी, आरोप पत्र दायर

Tejinder Singh
Update: 2019-05-24 14:19 GMT
खालिस्तानी उग्रवाद को जिंदा करने की कोशिश में जुटे थे आरोपी, आरोप पत्र दायर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मुंबई स्थित एनआईए की विशेष अदालत में अलग खालिस्तान राज्य के निर्माण के लिए सिख उग्रवाद को फिर से पैदा करने की कोशिश में लगे चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। शुरुआत में आंतकवादी निरोधक दस्ते (एटीएस) ने मामले से जुड़े आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। बाद में मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई थी। 

जांच के दौरान एनआईए ने आरोपियों के पास पुणे में काफी मात्रा में हथियार बरामद किया था। आरोपपत्र के अनुसार सिख उग्रवाद को दोबारा पैदा करने के लिए आरोपी आपरेशन ब्लू स्टार से जुड़ी तस्वीरे व वीडियों सोशल मीडिया में डालते थे। आरोपी खालिस्तान आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभानेवाले जरनैल सिंह भिंडरनवाले की तस्वीरें भी साझा करते थे। आरोपियों ने आंतकी वारदात को अंजाम देने की साजिश भी रची थी। जो देश की सुरक्षा, अखंडता व संप्रभुता के लिए खतरा साबित हो सकती थी। आरोपियों का उद्देश्य सिख युवकों को इकट्ठा कर एक बार फिर सिख उग्रवाद के जरिए खालिस्तान आंदोलन को खड़ा करना था। इसके लिए उन्होंने अवैध तरीके से हथियार भी इकट्ठा किए थे। जिसमें पिस्तौल और कारतूस के अलावा अन्य चीजें शामिल थीं। 

जांच में पता चला है कि आरोपी गुरजीत सिंह निज्जर (फरार) इस मामले का मुख्य साजिशकर्ता था। वह विदेश से मामले के आरोपियों के साथ फेसबुक व व्हाटसएप के माध्यम से संपर्क में था। एनआईए ने फिलहाल मामले को लेकर हरपाल सिंह उर्फ हैप्पी, मोहिद्दीन सिद्दीकी और गरुजीत सिंह निज्जर (फरार) सहित सुंदर लाल परासर के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। इन आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, आर्म्स एक्ट, गैरकानूनी गतिविधि प्रतिबंधक कानून और महाराष्ट्र पुलिस एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। एनआईए अभी इस मामले की जांच कर रही है। 
 

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