महादेवपुरी कोल स्टाक में उठा धुआं- पेंचक्षेत्र की चौथी खदान में लगी अगा

महादेवपुरी कोल स्टाक में उठा धुआं- पेंचक्षेत्र की चौथी खदान में लगी अगा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-26 07:58 GMT
महादेवपुरी कोल स्टाक में उठा धुआं- पेंचक्षेत्र की चौथी खदान में लगी अगा

डिजिटल डेस्क छिन्दवाड़ा/परासिया । परासिया नगर और खिरसाडोह रेलवे स्टेशन के समीप स्थित भूमिगत कोयला खदान महादेवपुरी के कोल स्टाक में स्वत: तपन प्रक्रिया से आग लग गई है। पेंचक्षेत्र में महादेवपुरी ऐसी चौथी खदान है जिसके कोल स्टाक में आग लगी है। इससे पहले ओपन कास्ट माइंस उड़धन और सेठिया, भूमिगत कोयला खदान विष्णुपुरी के कोल स्टाक में आग से लाखों रुपए का कोयला जलकर खाक हो रहा है। 

पेंचक्षेत्र की तीन ओपन कास्ट माइंस और चार भूमिगत कोयला खदानों के कोल स्टाक में लगभग 4.5 लाख टन कोयला का भंडार है। लंबे समय से एक ही स्थान पर खुले में रखा रहने से कोयला में स्वत: तपन प्रक्रिया से आग लग जाती है। अधिकांश मामले में कोल स्टाक की आग बाहर से नजर नहीं आती, किन्तु अंदर ही अंदर कोयला को जलाकर खाक कर देती है। कोल स्टाक कब राख का ढेर बन जाता, इसका एहसास दूर से देखने वालों को महसूस नहीं होता है। 

यह है कोल स्टाक की स्थिति 
ओपन कास्ट माइंस उड़धन : 2.64 लाख टन.
ओपन कास्ट माइंस सेठिया : 1.05 लाख टन.
भूमिगत कोयला खदान महादेवपुरी : 26 हजार टन.
भूमिगत कोयला खदान विष्णुपुरी नंबर-2  : 16 हजार टन. 

इनका कहना है 
क्षेत्र के कोयला नीलामी की प्रक्रिया वेकोलि स्तर पर पूर्ण होने से कोयला डिस्पेज हो जाएगा। जिन कोल स्टाक में आग सुलगी, वहां पानी छिड़काव कर आग बुझाने का प्रयास जारी है। 
(सुहाष सी पांडया, महाप्रबंधक, पेंचक्षेत्र परासिया)

साठ हजार, बाद में बेच दिया पट्टा
आवासहिनों को मकान दिलाए जाने के लिए शासन पहले पट्टा दे रही है जिसके बाद इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के बीएलसी घटक के जरिए ढाई लाख रुपए अनुदान देकर मकाना बनाया जा रहा है। यह तो हुई योजना की बात लेकिन इसकी आड़ में जमकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है ऐसा ही एक मामला बुधवार को नगरनिगम कार्यालय में सामने आया है, जिसकी पुलिस को शिकायत की जा रही है।

मामला वार्ड नंबर 21 डॉ बीआर अंबेडकर वार्ड सुकलुढाना क्षेत्र का है यहां रहने वाले शफीक पिता मजीद खान ने वर्ष 2017-18 में 352 वर्ग फीट का पट्टा मिला था जिसके लिए बीएलसी घटक से मकान बनाने के लिए 60 हजार रुपए भी इसके द्वारा लिया गया लेकिन यहां बिना मकान बनाए शफीक ने पट्टे को छप्पर के नाम से बेच दिया। नियमानुसार इसे बेचा नहीं जा सकता है जिस पर अब नगरनिगम पट्टा बेचने और खरीदने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा रहा है।

 

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