पहले भेज दिया दो से तीन गुनी राशि का बिल, अब कनेक्शन काटने धमका रहे, ऑनलाइन भी नहीं हो रहे बिल अपडेट

पहले भेज दिया दो से तीन गुनी राशि का बिल, अब कनेक्शन काटने धमका रहे, ऑनलाइन भी नहीं हो रहे बिल अपडेट

Bhaskar Hindi
Update: 2020-05-29 09:16 GMT
पहले भेज दिया दो से तीन गुनी राशि का बिल, अब कनेक्शन काटने धमका रहे, ऑनलाइन भी नहीं हो रहे बिल अपडेट

डिजिटल डेस्क जबलपुर । बिजली कंपनी ने एक तो दो माह से रीडिंग नहीं की और मनमानी खपत के बिल अब भेजे जा रहे हैं। इतना ही नहीं बिल सुधारने की बजाय उपभोक्ताओं को फोन करके विद्युत कनेक्शन काटने की धमकी तक दी जा रही है। बिजली अधिकारियों के इस गैर जिम्मेदाराना रवैये से लोगों में आक्रोश व्याप्त है। लोगों का कहना है कि जिन लोगों के पहले एक हजार से अधिक राशि के बिल कभी नहीं आए, उन्हें 6 से 7 हजार रुपए तक के बिल दिए जा रहे हैं। इन्हें सुधारने की बजाय फोन करके लोगों को विद्युत कनेक्शन काटने की धमकी दिए जाने से लोगों का माथा ठनक रहा है। 
जो मन में आया भेज दिया बिल

लोगों में बिजली बिल को लेकर आक्रोश देखते ही बन रहा है। वे बिल सुधरवाने अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। अधिकारियों की स्थिति यह है कि वे अपने चेंबर से बाहर आ नहीं रहे हैं और उपभोक्ताओं को उनसे मिलने की इजाजत नहीं हैं। काउंटर पर बैठे जेई या अन्य कर्मचारी उपभोक्ताओं के बिल सुधारना तो दूर उनसे ढंग से पेश तक नहीं आ रहे हैं। बिल सुधरवाने पहुँचे उपभोक्ता दिलीप राजपूत, हरीश नायर और संतोष पांडे का कहना है कि एक तो अधिकारियों ने मनमानी राशि का बिल भेज दिया अब या तो जितना बिल आया है उसे पूरा जमा करो, या सुधरवाने के लिए चक्कर लगाओ। वे बिल सुधारने में तेजी तो नहीं दिखा रहे हैं बल्कि विद्युत कनेक्शन काटने धमका रहे हैं। 
नए सिस्टम से हर कोई परेशान
बताया जाता है कि बिजली कंपनी इंदौर में नर्मित न्यू जनरेशन बिलिंग (एनजीबी) सिस्टम को जबलपुर के सिटी सर्किल क्षेत्र में लागू किया गया है। यह सिस्टम ऐसे वक्त में लागू किया गया है, जब पहले से ही जनता कोरोना और लॉकडाउन से परेशान है, जिसमें बिल ज्यादा आ रहे हैं। इसके बाद नए सिस्टम में बिल भी नहीं सुधर रहा है। जो व्यक्ति अधिकारियों के चक्कर लगाकर बिल सुधरवा रहा है तो उसका बिल ऑनलाइन अपडेट ही नहीं हो रहा है। बिल जमा करने के सप्ताह भर बाद भी अपडेट न होकर, राशि बढ़कर नया बिल जनरेट हो रहा है। इन सभी समस्याओं से जनता के साथ ही फील्ड अधिकारी भी परेशान हो रहे हैं।
 

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