बढ़ती गर्मी के साथ बढ़ रही टैंकर की मांग, संख्या में पांच गुना हुई बढ़ोतरी

बढ़ती गर्मी के साथ बढ़ रही टैंकर की मांग, संख्या में पांच गुना हुई बढ़ोतरी

Tejinder Singh
Update: 2019-05-19 13:45 GMT
बढ़ती गर्मी के साथ बढ़ रही टैंकर की मांग, संख्या में पांच गुना हुई बढ़ोतरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में भीषण गर्मी के बीच पीने के पानी के लिए टैंकरों की मांग लगातार बढ़ रही है। राज्य के 4331 गांवों और 9470 बस्तियों में 5493 टैंकरों से जलापूर्ति करनी पड़ रही है। जबकि साल 2018 में इस दौरान केवल 1245 टैंकर शुरू थे। राज्य में पिछले साल की तुलना में पानी के लिए टैंकरों की मांग में लगभग पांच गुना इजाफा हुआ है। 

राज्य सरकार के जलापूर्ति व स्वच्छता विभाग के अनुसार प्रदेश भर में सबसे अधिक टैंकर औरंगाबाद में है। औरंगाबाद के 715 गांवों और 265 बस्तियों में 1069 टैंकर, जालना के 457 गांवों और 98 बस्तियों में 553 टैंकर, बीड़ के 619 गांवों और 321 बस्तियों में 882 टैंकर, परभणी के 49 गांवों और 5 बस्तियों में 58 टैंकर, हिंगोली के 31 गांवों और 8 बस्तियों में 52 टैंकर, नांदेड़ के 45 गांवों और 19 बस्तियों में 78 टैंकर, उस्मानाबाद के 123 गांवों और 7 बस्तियों में 161 टैंकर और लातूर के 49 गांवों और 13 बस्तियों में 58 टैंकर शुरू है।

वहीं अहमदनगर के 525 गांवों और 2960 बस्तियों में 774 टैंकर, जलगांव के 184 गांवों में 168 टैंकर, नाशिक के 222 गांवों और 798 बस्तियों में 283 टैंकर, धुलिया के 38 गांवों और 4 बस्तियों में 31 टैंकर, नंदूरबार के 2 गांवों में 1 टैंकर से जलापूर्ति की जा रही है। नागपुर के 31 गांवों में 39 टैंकर लगे हुए हैं। अमरावती के 21 गांवों में 20 टैंकर, अकोला के 4 गांव में 4 टैंकर, वाशिम के 16 गांव में 16 टैंकर, बुलढाणा के 210 गांव में 221 टैंकर और यवतमाल के 23 गांव में 23 टैंकरों से पानी पहुंचाया जा रहा है।

पुणे के 128 गांवों और 1005 बस्तियों में 207 टैंकर, सातारा के 199 गांवों और 827 बस्तियों में 227 टैंकर, सांगली के 187 गांवों और 1088 बस्तियों में 207 टैंकर, सोलापुर के 234 गांवों और 1457 बस्तियों में 260 टैंकरों की जरूरत पड़ रही है। ठाणे के 66 गांवों और 169 बस्तियों में 36 टैंकर, रायगड के 60 गांवों और 203 बस्तियों में 27 टैंकर, रत्नागिरी के 53 गांवों और 105 बस्तियों में 12 टैंकर, पालघर के 44 गांवों और 118 बस्तियों में 37 टैंकरों का इस्तेमाल पानी के लिए हो रहा है। 

Tags:    

Similar News