अतिक्रमण मामले में पूर्व गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह की याचिका हाईकोर्ट से खारिज
अतिक्रमण मामले में पूर्व गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह की याचिका हाईकोर्ट से खारिज
डिजिटल डेस्क जबलपुर। प्रदेश के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच सागर जिले की सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने के आरोप में जारी नोटिस को चुनौती देने वाली प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह की याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकलपीठ ने कहा है कि इस मामले पर सिंह संबंधित तहसीलदार के सामने अपना जवाब पेश करें। उसके बाद यदि सिंह के खिलाफ कोई विपरीत आदेश पारित किया जाता है तो उसे अगले सात दिनों तक अमल में न लाया जाए।
सागर जिले की खुरई विधानसभा क्षेत्र से विधायक भूपेन्द्र सिंह की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया था कि परोसिया तहसील में उनकी जमीन है। हाल ही में प्रदेश में घटे राजनीतिक घटनाक्रम के चलते राज्य सरकार ने उनको निशाना बनाया। सागर के नायब तहसीलदार ने 4 मार्च को उन्हें शोकॉज नोटिस देकर पूछा था कि क्यों न उनके द्वारा शासकीय जमीन पर किया गया अतिक्रमण हटाकर उन पर एक लाख रुपए की पेनाल्टी लगाई जाए? इस नोटिस को चुनौती देकर यह याचिका दायर की गई थी।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशान्त सिंह व अधिवक्ता डीके त्रिपाठी ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल को राजनीतिक दुश्मनी के कारण ही निशाना बनाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक तहसीलदार द्वारा मामले का निराकरण नहीं किया जाता, तब तक आरोपित अतिक्रमणों को नहीं हटाया जा सकता। वहीं शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता आरबी सिंह ने अदालत को बताया कि जब तक सीमांकन की कार्रवाई नहीं हो जाती, तब तक अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने तहसीलदार द्वारा जारी शोकॉज नोटिस का जवाब नहीं दिया, इसलिए यह मामला अपरिपक्व होने की वजह से सुनवाई योग्य नहीं है। उभय पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को कहा कि वे अगले सात दिनों में अपना जवाब तहसीलदार के समक्ष पेश करें। यदि याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई विपरीत आदेश पारित किया जाता है तो उसे अगले एक सप्ताह तक अमल में न लाया जाए।