मादक पदार्थ तस्करी मामले में पूर्व आईपीएस साजी मोहन को 15 साल की सजा 

मादक पदार्थ तस्करी मामले में पूर्व आईपीएस साजी मोहन को 15 साल की सजा 

Tejinder Singh
Update: 2019-08-19 14:20 GMT
मादक पदार्थ तस्करी मामले में पूर्व आईपीएस साजी मोहन को 15 साल की सजा 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई की एनडीपीएस की विशेष अदालत ने जम्मू-कश्मीर कैडर के पूर्व आईपीएस व डीआईजी स्तर के अधिकारी रह चुके साजी मोहन को मादक पदार्थ बेचने के मामले में दोषी ठहराते हुए 15 साल के कारावास की सजा सुनाई है। जबकि उसके ड्राइवर कांस्टेबल राजेश कटारिया को दस साल के कारावास की सजा सुनाई है। साजी मोहन पर अवैध रुप से ड्रग्स रखने व उसकी तस्करी की साजिश में शामिल होने का आरोप था। साजी मोहन पर लगे आरोपों को साबित करने के लिए अभियोजन पक्ष ने न्यायाधीश के सामने 40 गवाहों को पेश किया। इसके साथ ही कोर्ट में साजी मोहन व ड्रग्स की तस्करी से जुड़े लोगों के बीच फोन पर हुई बातचीत की जानकारी भी पेश की। इन सबूतों पर गौर करने के बाद न्यायाधीश ने साजी मोहन को दोषी ठहराते हुए 15 साल के कारावास की सजा सुनाई। 

साजी मोहन को आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने साल 2009 में मुंबई से गिरफ्तार किया था। इस दौरान साजी मोहन के पास से एटीएस को 12 किलो हेरोइन मिली थी। साजी मोहन को जब गिरफ्तार किया गया था उस समय पर वह केरला में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में उप निदेशक के रुप में तैनात था। इससे पहले वह चंडीगढ नार्कोटीक्स कंट्रोल ब्यूरों के जोनल निदेशक के रुप में काम कर चुका था। एटीएस के अनुसार साजी मोहन नार्कोटीक्स कंट्रोल ब्यूरो निदेशक रहते जो भी नशीला पदार्थ जब्त करते थे उसमें से आधा अपने पास छुपा लेता था और उसे अपने लोगों के माध्यम से बजार में बेचने के लिए उपलब्ध कराता था। 

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