एनसीबी के पूर्व अधिकारी समीर वानखेडे की याचिका राज्य सरकार व जाति पड़ताल कमेटी से मांगा जवाब

हाईकोर्ट एनसीबी के पूर्व अधिकारी समीर वानखेडे की याचिका राज्य सरकार व जाति पड़ताल कमेटी से मांगा जवाब

Tejinder Singh
Update: 2022-06-16 15:46 GMT
एनसीबी के पूर्व अधिकारी समीर वानखेडे की याचिका राज्य सरकार व जाति पड़ताल कमेटी से मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने गुरुवार को नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो(एनसीबी) के पूर्व क्षेत्रीय निदेश समीर वानखेडे की याचिका पर राज्य सरकार व मुंबई जिला जाति पड़ताल कमेटी को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया हैं। वानखेडे ने याचिका में जाति पड़ताल कमेटी की ओर से 29 अप्रैल 2022 को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस को चुनौती दी है। गुरुवार को न्यायमूर्ति आरडी धानुका व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ ने याचिका पर गौर करने के बाद राज्य सरकार व जाति पड़ताल कमेटी को दो सप्ताह में अपना जवाब देने को कहा। जाति पड़ताल कमेटी की ओर से कई दस्तावेजों के आधार पर जारी नोटिस में कहां गया है कि चूंकि वानखेडे मुस्लिम धर्म का पालन करते हैं और उनकी जाति मुसलमान है इसलिए क्यों न उन्हें साल 2008 में जारी किया गया महार समुदाय का जाति प्रमाणपत्र जब्त कर उसे रद्द कर दिया जाए। याचिका में वानखेडे ने जाति पड़ताल कमेटी की नोटिस को अवैध व मनमानीपूर्ण बताया है और दावा किया है कि कमेटी की ओर से जारी किया गया नोटिस कानूनी प्रावधानों के खिलाफ है। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने वानखेडे की याचिका पर आपत्ति जताई। इसे देखते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार व कमेटी को हलफनामा दायर करने को कहा और याचिका पर सुनवाई 4 जुलाई 2022 तक के लिए स्थगित कर दी। 

 

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