डिजिटल इंडिया के लिए खतरा बन रहे जालसाज, कार्ड के इस्तेमाल से लाखों की चपत 

डिजिटल इंडिया के लिए खतरा बन रहे जालसाज, कार्ड के इस्तेमाल से लाखों की चपत 

Tejinder Singh
Update: 2018-08-17 14:06 GMT
डिजिटल इंडिया के लिए खतरा बन रहे जालसाज, कार्ड के इस्तेमाल से लाखों की चपत 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। होटलों में खाना खाने के बाद डेबिट/क्रेडिट कार्ड से भुगतान बढ़ रहा है। डिजिटल भुगतान के दौरान जरा भी लापरवाही किस कदर भारी पड़ सकती है, इसका अंदाजा हाल ही में लगा जब पुलिस ने एक ऐसे वेटर को पकड़ा जो ग्राहकों के कार्ड डाटा की चोरी कर उसे कार्ड क्लोन करने वाले गिरोह को बेंच देता था। आरोपी ने अलग-अलग होटलों में काम करते हुए 64 ग्राहकों का डेटा चुराने की बात मानी, लेकिन यह कोई पहला मामला नहीं है। पिछले कुछ महीनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं। साइबर क्राइम सेल के पुलिस आयुक्त अकबर पठान ने बताया कि सार्वजनिक जगहों पर कार्ड इस्तेमाल करते वक्त भी इस बात का एहतियात बरतना चाहिए कि पासवर्ड कोई न देख पाए।

इसमें किसी तरह की शर्म या संकोच की बात नहीं है। इसके अलावा कार्ड खुद स्वैप करना चाहिए या अपने आंखों के सामने ही स्वैप कराना चाहिए। पठान ने बताया कि मुंबई में सभी पुलिस स्टेशनों में साइबर सेल भी हैं। छोटे मोटे मामलों की जांच यहां तैनात पुलिसवाले ही करते हैं। अगर ठगी गई रकम बहुत बड़ी हो तो ही जांच बीकेसी स्थित साइबर सेल में आती है। उन्होंने कहा कि ठगी गई रकम छोटी हो या बड़ी इसकी पुलिस से शिकायत जरूर करना चाहिए, वरना कई बार जल्द शिकायत मिल जाए तो ठगी गई रकम जिस खाते में ट्रांसफर की जाती है उस पर रोक लगाकर वसूली जा सकती है।

हाल ही में सामने आए कई मामले 
एचडीएफसी बैंक के एक अधिकारी ने पार्कसाइट पुलिस स्टेशन में शिकायत की थी कि उनके कई ग्राहकों के डेबिट/क्रेडिट कार्ड का डाटा चोरी हुआ है। पुलिस ने छानबीन की तो ठगी के शिकार हुए लोगों में एक समानता थी कि सभी ने कुछ खास होटलों में खाना खाया था। पुलिस का शक बढ़ा और इसी आधार पर जांच आगे बढ़ाई तो पता चला कि धनेश उर्फ करण टंडन नाम का एक वेटर इन सभी होटलों में काम कर चुका है। 

गिरोह को बेच देते थे ग्राहकों के कार्ड की जानकारी 
इसके बाद पुलिस ने टंडन को छत्तीसगढ़ स्थित उसके गांव से दबोचा तो उसने बताया कि वह ऐसे गिरोह के लिए काम करता है जो लोगों के कार्ड का डेटा और पासवर्ड बताने के एवज में उसे मोटी रकम देते हैं। इसके बाद पुलिस ने मामले से जुड़े दूसरे आरोपियों को भी कर्नाटक से दबोच लिया। टंडन ने 64 ग्राहकों का डेटा चोरी कर आरोपियों को देने की बात स्वीकारी। कुछ दिनो पहले ही बांद्रा पुलिस ने ऐसे छह वेटरों को गिरफ्तार किया है जो सिर्फ एक हजार रुपए में ग्राहकों का डेटा चुराकर बेचते थे। आरोपी हर महीने 40 से 50 कार्डों की जानकारी चुराते थे।   

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