1600 साल पुराने गणपति मठ में विराजे विघ्नहर्ता करते हैं सभी मनोकामनाएं पूर्ण

1600 साल पुराने गणपति मठ में विराजे विघ्नहर्ता करते हैं सभी मनोकामनाएं पूर्ण

Bhaskar Hindi
Update: 2019-09-04 13:52 GMT
1600 साल पुराने गणपति मठ में विराजे विघ्नहर्ता करते हैं सभी मनोकामनाएं पूर्ण

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा/पांढुर्ना। पांढुर्ना शहर के बीचोंबीच शारदा मार्केट में स्थित करीब 1600 साल पुराने श्री वीरशैव लिंगायत मठ संस्थान अर्थात गणपति मठ में भगवान श्रीगणेश की स्थापना कर गणेशोत्सव मनाया जा रहा है। नववीं शताब्दी से चली आ रही पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए पूरे आस्था और भक्तिभाव से भगवान गणेश की आराधना हो रही है। वर्तमान में श्री वीररूद्रमुनी शिवाचार्य महाराज स्वामी इस गणपति मठ के मठाधिपति है। मठाधिपति के अनुसार गणपति मठ में 973 सालों से गणेशोत्सव मनाने की परंपरा निभाई जा रही है। 973 वर्षों से श्रीगणेश की स्थापना और पूजन के प्रमाण यहां मौजूद है। मान्यता के अनुसार मध्यप्रदेश राज्य में पांढुर्ना शहर में ही यह एकमात्र गणपति मठ मौजूद है। गणपति मठ में विराजने वाले गणपति बप्पा को क्षेत्रवासी पांढुर्ना का राजा के नाम से भी संबोधित करते है।

कई वर्षों से एकरूपता 

प्रतिमा निर्माण में भी एकरूपता: 973 वर्षों से निभाई जा रही परंपरा के अनुसार गणपति मठ में स्थापित की जाने वाली भगवान गणेश की प्रतिमा का आकार, रूप, बनावट एक जैसा बना हुआ है। यहां विराजित होने वाली गणेश प्रतिमा के निर्माण में भी कई वर्षों से एकरूपता निभाई जा रही है। पिछले कई वर्षों से शहर के मूर्तिकार एन.खोड़े ही गणपति मठ में विराजने वाली गणेश जी की प्रतिमा को आकार देते आ रहे है। शिवलिंग मौजूद मुकुटधारी, हाथ में त्रिशूल, शंख और शिवलिंग लिए भगवान गणेश की आकर्षक प्रतिमा के दर्शन पाकर भक्त अभिभूत होते है।

मनोकामना पूरी करते है श्री गणेश

गणपति मठ से पूरे क्षेत्रवासियों की आस्था जुड़ी हुई है। गणेशोत्सव के दौरान भगवान श्री गणेश की आराधना करने भक्त भक्तिभाव के साथ यहां पहुंच रहे है। भगवान गणेश इन भक्तों की मनोकामना पूरी करते है। मान्यता है कि गणेश मठ में पहुंचे नि:संतान दपंतियों की बप्पा ने मनोकामना पूरी की है। वहीं अन्य कई प्रकार की मनोकामनाएं लेकर पहुंचने वाले भक्त भी यहां से खाली हाथ नही लौटते। इस साल भी यहां गणेश की आराधना करने भक्तों का मेला लग रहा है। भक्त पहुंचकर गणेशजी के अनुपम रूप के दर्शन कर रहे है।
 

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