विदर्भ में बेटियों की संख्या बढ़ी, कोंकण में घटी

विदर्भ में बेटियों की संख्या बढ़ी, कोंकण में घटी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-03 13:14 GMT
विदर्भ में बेटियों की संख्या बढ़ी, कोंकण में घटी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विदर्भ में लड़कियों की संख्या बढ़ रही है, जबकि कोंकण के रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग में बेटियों की संख्या कम हो रही है। विधान परिषद में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री दीपक सावंत ने यह खुलासा किया।

सावंत ने कहा, कोंकण में बेटियों के लिंगानुपात में गिरावट आश्चर्यजनक है। लड़कियों की कम जन्मदर के लिए कुख्यात मराठवाडा के बीड़ में स्थिति सुधरी है। सावंत ने कहा कि बेटियों की जन्मदर कम होने के मामले को सामाजिक और आर्थिक बदलाव के नजरिए से देखना पड़ेगा। विधान परिषद में शिवसेना सदस्य नीलम गोर्हे ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए यह मुद्दा उठाया था।

गोर्हे ने कहा कि राज्य में बेटियों की जन्मदर लगातार कम हो रही है। इसके जवाब में सावंत ने बताया कि प्रदेश में 1000 लड़कों पर 899 लड़कियों का जन्मदर हैं, जबकि साल 2015 में 1000 लड़कों पर 906 लड़कियों का जन्मदर था। सावंत ने कहा कि लड़कियों की जन्मदर की रिपोर्ट अंतिम नहीं, बल्कि अंतरिम है। इसमें बदलाव हो सकता है। उन्होंने बताया कि पीसीपीएनडीटी कानून के तहत नियमों का उल्लंघन करने के मामले में साल 2017 में 572 प्रकरण कोर्ट में दाखिल किए गए। 298 प्रकरण में से 90 प्रतिशत प्रकरणों में 102 डॉक्टरों को सजा हुई है। इस दौरान सदन में पीआरपी के सदस्य जोगेंद्र कवाडे ने कहा कि समाज में व्यक्ति को मां और बहन चाहिए, प्रेमिका भी चाहिए, पर किसी को बेटी नहीं चाहिए। 

दो बेटियों के मां-पिता का हो सम्मान
सावंत ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से चाहता हूं कि जिस दंपति के पास दो बेटियां हैं, उनको प्रदेश सरकार को सम्मानित करे। सावंत ने कहा कि सरकार पीसीपीएनडीटी (गर्भधारण पूर्व और प्रसूति पूर्व निदान तकनीक) कानून को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए मॉनिटरिंग अथारिटी बनाएगी।

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