गोंडवाना एक्सप्रेस के कोच में भरा बारिश का पानी, यात्रियों के बैग हो गए गीले

गोंडवाना एक्सप्रेस के कोच में भरा बारिश का पानी, यात्रियों के बैग हो गए गीले

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-14 09:17 GMT
गोंडवाना एक्सप्रेस के कोच में भरा बारिश का पानी, यात्रियों के बैग हो गए गीले

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। गोंडवाना एक्सप्रेस के यात्रियों को बारिश का कहर का सामना उस समय करना पड़ा जब कोच की एक खिड़की टूटी होने के कारण बरसात का पानी भीतर भर गया और बर्थ के नीचे रखे बैग गीले हो गए। यात्रियों ने स्टेशन पर रेलवे के स्टाफ से शिकायत कर मदद मांगने की कोशिश की लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। ट्रेन के यात्री अनमोल सिंह ने बताया कि दोपहर तीन बजे दिल्ली की ओर जाने वाली गाड़ी प्लेटफॉर्म नं. 6 पर करीब पौने तीन बजे आकर खड़ी हुई ही थी कि तेज बारिश होने लगी। 

हंगामा के बाद सुनी शिकायत

इसी बीच जब यात्री बी-3 कोच में चढ़े और अपने बैग बर्थ के नीचे रख दिए, थोड़ी ही देर में कोच की एक खिड़की, जो टूटी हुई थी और उसका रबर निकला हुआ था, से बारिश का पानी कोच के भीतर तेजी से भरने लगा, इससे पहले कि यात्री कुछ समझ पाते, बारिश के पानी से यात्रियों के बैग तर-बतर हो गए और बैग्स के भीतर रखे कपड़े और अन्य सामग्री भीग गए। उन्होंने बैग बर्थ के नीचे से निकलने के बाद रेलवे स्टाफ से मदद मांगने की कोशिश लेकिन कोई कुछ भी सुनने को तैयार नहीं था। इस बीच ट्रेन चल पड़ी। परेशान यात्रियों ने टीसी को भी काफी देर खोजा लेकिन वो कहीं नजर नहीं आया। कटनी स्टेशन पर यात्रियों ने हंगामा किया, तब जाकर रेलवे स्टाफ ने टूटी हुई खिड़की की रबर को टेप और सॉल्यूशन से चिपकाया।

शिकायत पुस्तिका में अपनी शिकायतें दर्ज कराई

कई यात्रियों ने नाराज होकर ट्रेन में टीसी के पास उपलब्ध शिकायत पुस्तिका में अपनी शिकायतें दर्ज कराई हैं। यात्रियों का कहना है कि गोंडवाना एक्सप्रेस सुबह के समय जबलपुर आ जाती है और मेन्टेनेंस-सफाई के लिए कोचिंग यार्ड जाती है। कई घंटे खड़े रहने के बाद भी कोचों की देखरेख नहीं की जाती है, जो इस बात का सबूत है कि यार्ड के कर्मचारी लापरवाही कर रहे हैं। जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। दिल्ली जाने वाली सभी गाड़ियों में इस तरह की हद दर्जे की लापरवाही के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं, जिससे कोचिंग यार्ड का संचालन देखने वाले जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है।
 

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