आंगनवाडी में रिक्तपदों के मुद्दे पर जवाब देने सरकार ने हाईकोर्ट से मांगा समय 

आंगनवाडी में रिक्तपदों के मुद्दे पर जवाब देने सरकार ने हाईकोर्ट से मांगा समय 

Tejinder Singh
Update: 2019-01-02 13:00 GMT
आंगनवाडी में रिक्तपदों के मुद्दे पर जवाब देने सरकार ने हाईकोर्ट से मांगा समय 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट से आंगनवाड़ियों के रिक्त पदों को लेकर जवाब देने के लिए समय मांगा है। विशेष सरकारी वकील अनिल साखरे ने हाईकोर्ट को सूचित किया कि राज्य भर में कुल 94631 आंगनवाड़ी सेविका है। इसमें 90671 आंगनवाड़ी हेल्पर है जबकि 11345 मिनी आंगनवाड़ी है। आंगनवाड़ी के  लिए 3847 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इमसे से 1300 करोड़ रुपए आंगनवाड़ी के वेतन में खर्च होते हैं। राज्य सरकार 1300 करोड़ रुपए में  961 करोड़ रुपए का भुगतान करती है, जबकि शेष रकम केंद्र सरकार की ओर से प्रदान की जाती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि साल 2018 के अंत तक आंगनवाड़ी के 9193 पद रिक्त होंगे। रिक्त पदों के मुद्दे पर हलफनामा दायर करने के लिए उन्हें समय दिया जाए। 

हाईकोर्ट में महाराष्ट्र राज्य आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में मुख्य रुप से आंगवाड़ी सेविका व सहायिका कि रिक्त पदों व आंगनवाड़ी के विलय के मुद्दे को उठाया गया है। मामले की पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि वह आंगनवाड़ी के रिक्त पदों को कब तक भरेगा इसकी समय सारणी कोर्ट में पेश करे। क्योंकि आंगनवाड़ी एकीकृत बाल विकास योजना को अमल में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस योजना के तहत गरीब बच्चों को आहार दिया जाता है। 

कोर्ट के इस निर्देश के तहत विशेष सरकारी वकील श्री साखरे ने मुख्य जस्टिस नरेश पाटील व जस्टिस एमएस कर्णिक की बेंच के सामने कहा कि साल 2018 के अंत तक 9193 आंगनवाड़ी के पद रिक्त होंगे। इस पूरे मामले पर जवाब देने के लिए उन्हें समय दिया जाए। इसके बाद बेंच ने मामले की सुनवाई 11 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी। 

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