सरकार ने कहा - बढ़ रहे मरीज नहीं खोल सकते धार्मिक स्थल, निजी अस्पतालों के बेड शुल्क की सीमा तय कर पाना भी संभव नहीं

सरकार ने कहा - बढ़ रहे मरीज नहीं खोल सकते धार्मिक स्थल, निजी अस्पतालों के बेड शुल्क की सीमा तय कर पाना भी संभव नहीं

Tejinder Singh
Update: 2020-09-08 12:22 GMT
सरकार ने कहा - बढ़ रहे मरीज नहीं खोल सकते धार्मिक स्थल, निजी अस्पतालों के बेड शुल्क की सीमा तय कर पाना भी संभव नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि राज्य में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर फिलहाल दिशा निर्देशों के साथ भी प्रार्थना स्थलों को खोलना व्यवहारिक उपाय व समाधान नहीं है। क्योंकि इसकी कोई गारंटी नहीं है कि लोग सरकार की ओर से जारी किए गए निर्देशों का पालन करेंगे। राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुम्भकोणी ने हलफनामा दायर कर हाईकोर्ट को यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मंदिर खोलने के सुझाव पर विचार किया था लेकिन कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण प्रार्थना स्थल न खोलने का निर्णय किया है। जब तक कोरोना की स्थिति में सुधार नहीं आ जाता तब तक मंदिर व प्रार्थना स्थल नहीं खोले जाएंगे। हलफनामे के मुताबिक अतीत में सरकार को अच्छा अनुभव नहीं मिला है। सरकार ने गणेशोत्सव के विषय में दिशा निर्देश जारी किए थे। जिनका पालन करना लोगों की जिम्मेदारी थी पर कई जगहों पर लोग लापरवाही करते नजर आए। कई जगहों पर बड़े पैमाने पर लोगों की भीड़ जुटी। खास तौर से बाजार में। नतीजा कोरोना के मामलों में तेजी आई है। इसलिए दिशा निर्देशों के तहत मंदिर व प्रार्थना स्थल खोलना व्यवहारिक समाधान नहीं है। इसका कोई भरोसा नहीं है कि लोग निर्देशों का पालन करेंगे। हलफनामे में कहा गया है संविधान के तहत धर्मपालन का अधिकार सार्वजनिक आदेश के अधीन है। आंध्रप्रदेश के तिरुपति मंदिर को खोलने के बाद वहां कोरोना के मामले बढ़े हैं। राज्य भर में मंदिर व प्रार्थना स्थल खोले जाने की मांग को लेकर एसोसिएशन ऑफ एडिंग जस्टिस नामक गैर सरकारी संस्था ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि सामाजिक दूरी,भक्तों की सीमित संख्या व सतर्कता से जुड़े दूसरे नियमों का पालन करते हुएश्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति प्रदान की जाए।याचिकाकर्ता के मुताबिक कोरोना के बावजूद आंध्रप्रदेश के तिरुपति मंदिर को भक्तों के लिए खोला गया है। यह मंदिर काफी विशाल है। इसलिए राज्य सरकार को महाराष्ट्र के प्रार्थना स्थलों को खोलने का निर्देश दिया जाए। मंगलवार को न्यायमूर्ति अमजद सैयद की खंडपीठ के सामने सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य के महाधिवक्ता कुम्भकोणी ने कहा कि जब तक राज्य में कोरोना की स्थिति में सुधार नहीं हो जात है तब तक राज्य में प्रार्थना स्थलों को नहीं खोलने विचार नहीं किया जा सकता हैं। खंडपीठ ने फिलहाल याचिका की सुनवाई एक सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी हैं। 

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