पाकिस्तान में जन्मे शख्स की नागरिकता पर तीन महीने के भीतर फैसला ले केंद्र सरकार

पाकिस्तान में जन्मे शख्स की नागरिकता पर तीन महीने के भीतर फैसला ले केंद्र सरकार

Tejinder Singh
Update: 2019-01-03 12:59 GMT
पाकिस्तान में जन्मे शख्स की नागरिकता पर तीन महीने के भीतर फैसला ले केंद्र सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को पाकिस्तान में जन्मे एक व्यक्ति की नागरिकता के बारे में तीन महीने के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने यह निर्देश महानगर के जोगेश्वरी इलाके में रहने वाले अब्बास कराडिया की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। याचिका में भारतीय कराड़िया ने दावा किया है कि उनके बेटे का जन्म पाकिस्तान में हुआ है, लेकिन जब बेटा तीन महीने का थे तब से वह मेरे साथ मुंबई में रह रहा है। अब कराडिया के बेटे की उम्र 51 साल है और उन्हें भारत छोड़ने के लिए कहा जा रहा है। 

सुनवाई के दौरान कराडिया के ओर से पैरवी कर रहे  वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. सुजाय कांटावाला ने कहा कि अदालत ने साल 2017 में केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि मेरे मुवक्किल के बेटे की नागरिकता व दीर्घकालीन वीजा के बारे में निर्णय ले, लेकिन अब तक इस बारे में फैसला नहीं किया गया है। इधर केंद्र सरकार के अधिकारी मेरे मुवक्किल के बेटे को अपना विदेशी पासपोर्ट पेश करने को कह रहे है जो की उनके पास नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरे मुवक्किल की पत्नी के पास पाकिस्तान पासपोर्ट था। इसलिए जन्म के बाद बच्चे का नाम पत्नी के पासपोर्ट में जोड़ दिया गया था। ताकि वह उसे भारत ला सके। मेरी मुवक्किल की पत्नी ने भारत की नागरिकता को स्वीकार कर लिया है और अपना पाकिस्तान का पासपोर्ट भी काफी समय पहले सरेंडर कर दिया है। मेरे मुवक्किल के बेटे ने काफी पहले भारत की नागरिकता के लिए आवेदन किया था, लेकिन अब तक इस आवेदन पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।

सरकारी वकील ने कहा कि हमने केंद्र सरकार को याचिकाकर्ता के बेटे की स्थिति की जानकारी दे दी है। इन दलीलों को सुनने के बाद जस्टिस बीपी धर्माधिकारी की बेंच ने कहा कि यह मामला काफी समय से प्रलंबित है। लिहाजा केंद्र सरकार का गृह विभाग व विदेश मंत्रालय इस मामले में कानून के हिसाब से तीन महीने के भीतर निर्णय ले। 

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