स्मार्ट सिटी का हुआ भूमि पूजन, अजनी में बनेगा अत्याधुनिक बस स्टैंड, बदलेगी तस्वीर

स्मार्ट सिटी का हुआ भूमि पूजन, अजनी में बनेगा अत्याधुनिक बस स्टैंड, बदलेगी तस्वीर

Tejinder Singh
Update: 2019-02-02 10:44 GMT
स्मार्ट सिटी का हुआ भूमि पूजन, अजनी में बनेगा अत्याधुनिक बस स्टैंड, बदलेगी तस्वीर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी में स्मार्ट सिटी का भूमि पूजन किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस, केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी के अलावा सियासी दिग्गज मौजूद थे। मुख्यमंत्री फडनवीस ने रिमोट दबाकर स्मार्ट सिटी के कार्य को हरी झंडी दी। इस मौके पर मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने कहा कि स्मार्ट सिटी बनने से पूर्व नागपुर की तस्वीर बदलेगी। वहां रहने वालों को खास सुविधाएं दी जाएंगी। यह प्रोजेक्ट आधुनिक रूप से महानगर की तस्वीर बदल देगा। इस मौके पर नितिन गडकरी ने कहा कि सोमवार को 800 करोड़ का प्रोजेक्ट लाया जा रहा है। जिसके तहत अजनी में अत्याधुनिक बस स्टैंड बनाया जाएगा।

इससे पहले पूर्व नागपुर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेकर गरमायी राजनीति पर खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मठ्‌ठा डालने का प्रयास किया। शनिवार की शाम को प्रोजेक्ट का भूमिपूजन होने वाला है। प्रोजेक्ट को लेकर कुछ मामलों पर विरोध भी प्रखर है। लिहाजा शनिवार की सुबह मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास रामगिरी पर विशेष चर्चा के लिए विरोधियों को बुलाया। उन्होंने भूमिपूजन कार्यक्रम का विरोध नहीं करने का निवेदन किया है। विरोधकर्ताओं में भाजपा की सहयोगी शिवसेना प्रमुखता से शामिल है। राज्य में शिवसेना के साथ तालमेल बनाने के लिए भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पहल कर रहे हैं। हाल ही में बाल ठाकरे की पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री ने न केवल विशेष कार्यक्रम का आयोजन कराया बल्कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से लंबी चर्चा की। उस चर्चा के बाद से राज्य में भाजपा व शिवसेना के बीच टकराहट कम दिख रही है।

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का क्या है मामला
6 विधानसभा क्षेत्रों वाले नागपुर शहर में पूर्व नागपुर विधानसभा क्षेत्र में श्रमिक वर्ग की बस्तियों की संख्या अधिक है। इन बस्तियों में मूूलभूत सेवा सुविधा के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने विविध घोषणा की है। इनमें स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट भी शामिल है। 1730 एकड़ क्षेत्र में विकास कार्य के लिए 3303.62 करोड़ रुपए मंजूर किये गए हैं। स्मार्ट सिटी के तहत बड़े उद्यान,पुल, खेल मैदान, अत्याधुनिक बाजार व अन्य विकास कार्य किए जाएंगे। इसके लिए नागपुर महानगरपालिका में विशेष विभाग बनाया गया है। पिछले सप्ताह यह मामला अचानक तब गर्माया जब यहां के भूखंडधारकों को नोटिस मिलने लगा। नोटिस के अनुसार संबंधित नागरिक को उसकी जमीन में से 40 प्रतिशत जमीन सरकार अपने कब्जे में लेकर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत विकास करेगी। शेष 60 प्रतिशत जमीन के एवज में विकसित जमीन संबंधित नागरिक को दी जाएगी।

60 प्रतिशत विकसित जमीन के एवज में लाख से करोड़ रुपए तक के डिमांड
60 प्रतिशत विकसित जमीन के एवज में लाख से करोड रुपए तक के डिमांड मांगे जा रहे है। विरोधियों का कहना है कि अपनी ही जमीन के एवज में इतनी बड़ी राशि देना नागरिकों के लिए संभव नहीं है। लिहाजा शिवसेना के आव्हान पर स्मार्ट सिटी पीड़ित मंच बना। उसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस व अन्य पार्टी भी शामिल हो गई। भूमिपूजन कार्यक्रम नहीं होने देने की चेतावनी के साथ प्रदर्शन किए। शुक्रवार को भी तीव्र विरोध प्रदर्शन हुआ। इसी विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री ने भूमिपूजन कार्यक्रम के पहले सुलह बैठक बुलाया। पुलिस आयुक्त भूषणकुमार उपाध्याय व भाजपा विधायक कृष्णा खोपड़े के साथ शिवसेना के रविनीश पांडेय, यशवंत राहंगडाले, कांग्रेस के अभिजीत वंजारी, उमाकांत अग्निहोत्री शामिल थे। 

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