दूध में मिलावट रोकने के लिए टास्कफोर्स बनाएगी सरकार, दाम को लेकर बनेगा कानून 

दूध में मिलावट रोकने के लिए टास्कफोर्स बनाएगी सरकार, दाम को लेकर बनेगा कानून 

Tejinder Singh
Update: 2018-05-09 13:50 GMT
दूध में मिलावट रोकने के लिए टास्कफोर्स बनाएगी सरकार, दाम को लेकर बनेगा कानून 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सरकार दूध में होने वाले मिलावट को रोकने के लिए टॉस्क फोर्स बनाएगी। साथ ही सरकार दूध के फैट (वसा) 3.5 प्रतिशत और एसएनएफ 8.5 प्रतिशत (वशा रहित ठोस) के संबंध में अगले दो दिनों में संशोधित आदेश जारी किया जाएगा। पशुसंवर्धन, दुग्धविकास व मत्स्य व्यवसाय मंत्री महादेव जानकर ने निर्दलीय विधायक बच्चू कडू को यह आश्वासन दिया। बुधवार को मंत्रालय में जानकर से अमरावती के अचलपुर सीट से विधायक कडू ने दूध उत्पादक किसानों के साथ मुलाकात की।

कडू ने जानकर के सामने दूध उत्पादक किसानों को दूध के लिए प्रति लीटर 27 रुपए दर देने समेत अन्य मांगों को रखा। पत्रकारों से बातचीत में जानकर ने कहा कि सरकार दूध में मिलावट रोकने के लिए जल्द से जल्द टॉस्क फोर्स बनाएगी। इसके लिए एफडीए की मदद ली जाएगी। इसके साथ ही दूध में मिलावट को रोकने के लिए सख्त कानून भी बनाया जाएगा।   

एसएनएफ को लेकर संशोधित आदेश होगा जारी 
इसके अलावा दूध के फैट और एसएनएफ को लेकर संशोधित आदेश जारी किया जाएगा। इससे यदि दूध में तय मानक से थोड़ा कम फैट रहेगा तो भी किसान को उचित दाम मिल सकेगा। जानकर ने कहा कि सरकार दूध की दर को लेकर कानून बनाने वाली है। इससे किसानों को गन्ने के तर्ज पर दूध के लिए 70-30 के फार्मूले के अनुसार दर मिल सकेगा। जानकर ने कहा कि सरकार ने दूध उत्पादक किसानों को राहत देते हुए दूध पावडर के लिए प्रति लीटर 3 रुपए की दर से प्रोत्साहन अनुदान देने का फैसला लिया है।

प्रोत्साहन अनुदान योजना केवल एक महीने के लिए ही लागू होगी। जानकर ने कहा कि सरकार गोबर से खाद बनाने और पशुखाद्य के लिए अनुदान देने पर विचार कर रही है। इसके बाद कडू ने कहा कि दूध उत्पादक किसानों को मिले आश्वासन को लेकर अगले 15 दिनों में फिर से मंत्रालय में बैठक होगी। यदि सरकार ने आश्वासन पूरा नहीं किया तो मैं मंत्रालय छोड़कर जाऊंगा ही नहीं। इसके जवाब में जानकर ने कहा कि जब बच्चा रोता है तभी मां उस पर ध्यान देती है। मैं जब तक मंत्री हूं तब तक ऐसी नौबत नहीं आने दी जाएगी।  

मंत्रालय में गाय-भैंस नहीं ला पाए कडू  
विधायक कडू दूध की दर को लेकर मंत्रालय में गाय-भैंस के साथ आकर आंदोलन करने वाले थे। हालांकि कडू ने सार्वजिक रूप से आंदोलन के स्वरूप की घोषणा नहीं की थी। फिर भी पुलिस प्रशासन को इसकी भनक लग गई थी। कडू ने रायगड के किसानों से गाय और भैंस के साथ मंत्रालय पहुंचने को कहा था। लेकिन उपनगर के चेंबूर में किसानों की गाड़ियों को पुलिस ने रोक लिया। इस कारण कडू पशुओं को मंत्रालय नहीं ला सके। आंदोलन की चेतावनी के मद्देनजर मंत्रालय में परिसर में पुलिस बंदोबस्त बढ़ा दिया गया था।  

प्रदेश में दूध का गणित  
प्रदेश में प्रति दिन 1 करोड़ 33 लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है। इसमें से एक प्रतिशत दूध सरकार खरीदती है। 39 प्रतिशत दूध सहकारी दुग्ध संघ किसानों से लेते हैं। जबकि 60 प्रतिशत दूध निजी दुग्ध संघ खरीदते हैं। यानी राज्य में निजी दूध के ब्रांड का दबदबा है। राज्य में प्रति दिन लगभग 36 लाख 41 हजार लीटर दूध का पावडर बनाया जाता है। सरकार ने राज्य में किसानों से खरीदे जाने वाले गाय के दूध की दर 27 रुपए प्रति लीटर और भैंस के दूध के लिए दर 35 रुपए प्रति लीटर निश्चित की है। लेकिन सहकारी दुग्ध संघ किसानों को 27 रुपए का रेट नहीं दे रहे हैं। जबकि निजी दुग्ध संघ सरकार के दायरे से बाहर आते हैं। इस लिए सरकार उन पर कार्रवाई नहीं कर सकती।  

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