दूसरे देश मानव तस्करी-वेश्यावृत्ति को कैसे कर रहे हल, सरकार पता करे : HC

दूसरे देश मानव तस्करी-वेश्यावृत्ति को कैसे कर रहे हल, सरकार पता करे : HC

Tejinder Singh
Update: 2017-12-22 12:40 GMT
दूसरे देश मानव तस्करी-वेश्यावृत्ति को कैसे कर रहे हल, सरकार पता करे : HC

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार देखे कि दूसरे देश मानव तस्करी और वेश्यावृत्ति के मुद्दे से कैसे निपटते हैं। सरकार इस संबंध में चार सप्ताह के अंदर अपना जवाब दायर करे। अदालत ने याचिकाकर्ता को भी इस पहलू पर शोध करने को कहा है। न्यायमूर्ति नरेश पाटील और न्यायमूर्ति नितिन सांब्रे की खंडपीठ ने अगली सुनवाई के दौरान स्पष्ट करने को कहा है कि क्या मानव तस्करी रोकने के लिए सरकार ने विशेष अधिकारियों को नियुक्त किया है? क्या हर जिले के लिए मानव तस्करी विरोधी प्रकोष्ट बनाया गया है। इसकी जानकारी अगली सुनवाई के दौरान दी जाए।

हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर

रेसक्यू फाउंडेशन नामक संस्था ने इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में इममारल ट्रैफिकिंग कानून को प्रभावी तरीके से लागू करने की मांग की गई है। सुनवाई को दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मिहीर देसाई ने कहा कि अभी भी राज्य में हाजरों की संख्या में बच्चे लपता है। लपता होने वालों में ज्यादातर बच्चे गरीब व अल्पसंख्यक समुदाय के हैं। यह एक बेहद गंभीर मामला है। सरकार को इस दिशा में प्रभावी कदम उठाना चाहिए। इस दौरान उन्होंने वेश्यावृत्ति को लेकर भी चिंता जाहिर की और वेश्यावृत्ति के नियमन व वेश्यवृत्ति में फंसी लड़कियों के पुनर्वास के लिए प्रभावी योजना बनाने की बात कही। 

सुनवाई चार सप्ताह तक के लिए स्थगित

इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार देखे कि दूसरे देश मानव तस्करी और वेश्यावृत्ति के मुद्दे से कैसे निपट रहे हैं। खंडपीठ ने कहा कि बड़ी संख्या में बच्चों का लपता होना गंभीर विषय है, सरकार इसके लिए तकनीक का सहार ले और लापता बच्चों का पता लगाने की कोशिश करे। खंडपीठ ने कहा कि उनके पास कानून तो है, लेकिन उसे लागू करने को लेकर गंभीरता नहीं दिखती, जो की उचित नहीं। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई चार सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी है। 
 

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