केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश पर HC की रोक, RTI के तहत बैंक डिफाल्टरों की जानकारी देने का मामला 

केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश पर HC की रोक, RTI के तहत बैंक डिफाल्टरों की जानकारी देने का मामला 

Tejinder Singh
Update: 2018-12-14 15:19 GMT
केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश पर HC की रोक, RTI के तहत बैंक डिफाल्टरों की जानकारी देने का मामला 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है, जिसके तहत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) को जानबूझकर कर्ज न लौटाने वाले लोगों की सूची सौंपने का निर्देश दिया गया था। जस्टिस बीपी धर्माधिकारी व जस्टिस सारंग कोतवाल की बेंच ने सुुनवाई के बाद सीआईसी की ओर से आरबीआई के पूर्व गर्वनर उर्जित पटेल को जारी की गई कारण बताओ नोटिस पर भी रोक लगा दी। 

आरबीआई ने सीआईसी के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। सीआईसी ने आरबीआई को निर्देश दिया था कि पहले चरण में एक हजार करोड़ रुपए तक का कर्ज जानबूझकर नहीं चुकाने वाले लोगों की सूची दी जाए। इसके बाद 500 करोड़ रुपए का कर्ज न लौटाने वालों की सूची सौंपी जाए। 2 नवंबर को सीआईसी ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन न करने के लिए आरबीआई गर्वनर को कारण बताओं नोटिस जारी किया था। 

शुक्रवार को आरबीआई की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ एड्वोकेट व्यंक्टेश धोंड ने बेंच के सामने कहा कि सीआईसी ने आरबीआई के पक्ष को सुने बगैर ही अपना आदेश जारी कर दिया है। सीआईसी ने जो आदेश दिया वह देश की अर्थव्यवस्था के लिए नुकसान दायक हो सकता है। इसलिए सीआईसी के आदेश व कारण बताओ नोटिस पर रोक लगाई जाए। क्योंकि सीआईसी की ओर से जारी किया गया नोटिस गैरकानूनी व मनमानीपूर्ण नजर आ रहा है। आरबीआई के वकील श्री धोंड की दलीलों को सुनने के बाद बेंच ने सीआईसी को नोटिस जारी किया और उसके आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। बेंच ने फिलहाल इस मामले की सुनवाई 10 अप्रैल 2019 तक के लिए स्थगित कर दी है। 
 

Similar News