ध्वनि प्रदूषण से जुड़ी शिकायतों पर कार्रवाई नहीं होने से हाईकोर्ट ने पुलिस को फटकारा

ध्वनि प्रदूषण से जुड़ी शिकायतों पर कार्रवाई नहीं होने से हाईकोर्ट ने पुलिस को फटकारा

Tejinder Singh
Update: 2019-02-20 14:30 GMT
ध्वनि प्रदूषण से जुड़ी शिकायतों पर कार्रवाई नहीं होने से हाईकोर्ट ने पुलिस को फटकारा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण से जुड़ी शिकायतों पर कार्रवाई न करने के लिए राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। यह शिकायते पिछले साल के गणेशोत्सव व ईद ए मिलाद के दौरान ध्वनि प्रदूषण से जुड़े नियमों के उल्लंघन से जुड़ी हैं। इस पर पुलिस ने कानून व्यवस्था बिगड़ने का हवाला देकर कार्रवाई न करने की बात हाईकोर्ट से कही है। इससे नाराज हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में पुलिस खुद को असहाय के रुप में प्रदर्शित कर रही है। वह कोई आम आदमी नहीं है। उसका काम कानून-व्यवस्था को व्यवस्थित रखना है।

डीसीपी को खानी पड़ी अदालत की डांट

इस दौरान हाईकोर्ट ने मामले को लेकर पुलिस उपायुक्त (डीसीपी आपरेशन) मंजूनाथ शिंगे की ओर से प्रकरण को लेकर दायर हलफनामे पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। खंडपीठ ने कहा कि आईपीएस अधिकारी शिंगे ने ध्वनि प्रदूषण को लेकर अदालत की ओर से दिए गए फैसले को पढे ही हलफनामा दायर कर दिया है। इसके साथ ही ध्वनि प्रदूषण को लेकर कार्रवाई न करने को लेकर कोई सफाई नहीं दी है।  

मुंबई पुलिस आयुक्त  शिंगे के खिलाफ कार्रवाई को लेकर मांगी जानकारी

शिंगे के हलफनामे से असंतुष्ट न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति अजय गड़करी की खंडपीठ ने मुंबई पुलिस आयुक्त को इस मामले में दखल देने को कहा है। खंडपीठ ने कहा कि मुंबई पुलिस आयुक्त हलफनामा दायर कर अगली सुनवाई के दौरान बताए की उन्होंने आईपीएस अधिकारी शिंगे व ध्वनि प्रदूषण से जुड़ी शिकायत पर कार्रवाई करने के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की है। क्योंकि इस मामले में डीसीपी शिंगे का हलफनामा न्यायालय की अवमानना का संकेत देता है। इससे पहले खंडपीठ को बताया गया पिछले साल गिरगांव इलाके में गणोशोत्व व खार इलाके में ईद ए मिलाद के दौरान ध्वनि प्रदूषण से जुड़े नियमों को लेकर शिकायते की गई लेकिन पुलिस ने शिकायतों पर कार्रवाई नहीं की। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 5 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी है। 

 

 

 

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