अवैध होर्डिंग नहीं हटे तो नगरपरिषदों के बड़े अधिकारियों को भुगतना होगा खामियाजा : हाईकोर्ट
अवैध होर्डिंग नहीं हटे तो नगरपरिषदों के बड़े अधिकारियों को भुगतना होगा खामियाजा : हाईकोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। यदि अवैध होर्डिंग,बैनर व पोस्टर नहीं हटाए गए तो राज्य के सभी नगरपरिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शुक्रवार को बांबे हाईकोर्ट ने यह चेतावनी दी है। अवैध होर्डिंग के खिलाफ नगर परिषदों की कार्रवाई से असंतुष्ट हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य की 328 नगरपरिषदों में से 10 प्रतिशत नगरपरिषदों ने भी होर्डिंग के खिलाफ कार्रवाई के लेकर अदालत के निर्देशों का पालन नहीं किया है। कार्रवाई के संबंध में राज्य सरकार की ओर से पेश की गई रिपोर्ट पर गौर करने के बाद नाराजगी व्यक्त करते हुए कोर्ट ने कहा कि यदि त्यौाहारों की शुरुआत से पहले अवैध होर्डिंग के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो हम सभी नगरपरिषदों के मुख्यकार्यकारी अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय की अवमानना की कार्रवाई करेंगे।
नगरपरिषदों को अवैध होर्डिंग, बैनर - पोस्टर के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश
न्यायमूर्ति अभय ओक और न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ ने कहा कि जनवरी 2017 में सभी नगरपरिषदों को अवैध होर्डिंग,बैनर व पोस्टर के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया था। काफी समय दिए जाने के बाद भी नगरपरिषदों ने संतोषजनक कार्रवाई नहीं की है। कार्रवाई न करने को लेकर जो कारण दिए गए है वे पूरी तरह से अदालत के आदेश की अवहेलना करते है। इसलिए सरकार नए सिरे से कार्रवाई के संबंध में सभी नगरपरिषदों को निर्देश जारी करें। खंडपीठ ने सबसे ज्यादा कार्रवाई न करने को लेकर शिर्डी नगरपरिषद की ओर से दिए गए कारण पर नारजागी जाहिर की। इस नगरपरिषद ने कहा था कि हमने होर्डिंग पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसलिए होर्डिंग के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है।
कार्रवाई से जुड़ी रिपोर्ट पर गौर करेगा कोर्ट
खंडपीठ ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई के दौरान औरंगाबाद,अमरावती,नाशिक.मुंबई व नई मुंबई महानगरपालिकाओं की ओर से अवैध होर्डिंग के खिलाफ की गई कार्रवाई से जुड़ी रिपोर्ट पर गौर करेगे। खंडपीठ ने भारतीय चुनाव आयोग को भी अगली सुनवाई के दौरान अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील उदय वारुंजकर ने कहा कि नगरपरिषदों की अवैध होर्डिंग के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में निष्क्रियता साफ नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि कई वकील स्वेच्छा से अवैध होर्डिंग को लेकर दिए गए आदेश को लागू करने में सहयोग देना चाहते है। वे कोर्ट के आयुक्त के रुप में काम करना चाहते है। इस पर खंडपीठ ने श्री वारुंजेकर ने काम करने के इच्छुक वकीलों की सूची देने का निर्देश दिया। अदालत ने फिलहाल मामले की सुनवाई एक अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी है।