पालघर में नौ सेना के अधिकारी को जिंदा जलाने की जांच के लिए बनी 10 टीमें

पालघर में नौ सेना के अधिकारी को जिंदा जलाने की जांच के लिए बनी 10 टीमें

Tejinder Singh
Update: 2021-02-07 09:22 GMT
पालघर में नौ सेना के अधिकारी को जिंदा जलाने की जांच के लिए बनी 10 टीमें

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नौसेना अधिकारी को 10 लाख रुपए की फिरौती के लिए पालघर में जिंदा जलाकर मामले की जांच के लिए 10 टीमें बनाई गईं हैं। कुल 100 पुलिसकर्मी इस मामले की छानबीन करेंगे जिनमें10 अधिकारी हैं, जो जांच टीमों की अगुआई करेंगे। पालघर के पुलिस अधीक्षक दत्तात्रय शिंदे ने रविवार को यह जानकारी दी। साथ ही उन्होंने कहा कि सूरज दूबे नाम के जिस नौसेना के अधिकारी की हत्या की गई हैं उन्होंने कुछ लोगों से पैसे उधार लिए थे। पुलिस इस पहलू की भी जांच कर रही है। सूरज के पिता मिथिलेश दूबे ने रविवार को मुंबई पहुंचकर पालघर पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज कराया साथ ही उन्होंने मीडिया से बातचीत में अपने बेटे के लिए न्याय की गुहार लगाई। इसी साल 15 जनवरी को सूरज की सगाई हुई थी और मई में उनकी शादी होने वाली थी। उधर छानबीन में जुटी पुलिस ने सूरज का कॉल डेटा रिकॉर्ड हासिल किया है जिससे पता चला है कि धर्मेंद्र नाम के एक व्यक्ति ने सूरज को 13 बार फोन किया था। बता दें कि आईएनएस अग्रणी पर तैनात सूरज मूल रूप से झारखंड के रहने वाले थे। छुट्टियां बिताकर वे काम पर लौट रहे थे। इसी दौरान 30 जनवरी को चेन्नई हवाई अड्डे के बाहर से उन्हें तीन लोगों ने अगवा कर लिया। छोड़ने के लिए 10 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई और पैसे देने से इनकार करने पर उन्हें पालघर के तलासरी स्थित वेवजी इलाके में लाकर जला दिया गया। 90 फीसदी जली हालत में उन्हें एक स्थानीय नागरिक ने देखा इसके बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्होंने अपने अपहरण औऱ फिरौती की जानकारी पुलिस को दी। उन्हें मुंबई में नौसेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां शनिवार को उन्होंने दम तोड़ दिया।

अधिकारी को जिंदा जलाने की जांच के लिए बनी 10 टीमें

दुबे को महाराष्ट्र-गुजरात सीमा के निकट पालघर जिले में स्थित तलासरी के जंगल में पेट्रोल डालकर जला दिया गया। इसके बाद आरोपी फरार हो गए। स्थानीय लोगों ने जब दुबे को जली हुई अवस्था में देखा तो उसकी जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने दुबे को शुरुआत मेंडहाणू के अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन वहां दुबे के इलाज की व्यवस्था न हो पाने के कारण दुबे को मुंबई लाया गया। जहां शनिवार को उनकी मौत हो गई। पालघर जिले के घोलवड पुलिस स्टेशन ने इस मामले को लेकर तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302,364,392 व 34 के तहत मामला दर्ज किया।

वहीं भारतीय जनता पार्टी के विधायक राम कदम ने पालघर में सेना की अधिकारी की मौत को लेकर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा है कि पालघर में न तो साधु सुरक्षित है और न ही सेना के अधिकारी। हम काफी समय से साधुओं की हत्या के मामले जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। 

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