बेटे की हत्या के लिए दोषी पाई गई मां को हाईकोर्ट ने किया बरी

बेटे की हत्या के लिए दोषी पाई गई मां को हाईकोर्ट ने किया बरी

Tejinder Singh
Update: 2021-02-26 15:58 GMT
बेटे की हत्या के लिए दोषी पाई गई मां को हाईकोर्ट ने किया बरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने अपने ही बेटे की हत्या के मामले में दोषी पाई गई एक मां को बरी कर दिया है। जबकि इसी मामले में दोषी पाए गए एक पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की सजा को बरकरार रखा है। निचली अदालत ने इस मामले में आरोपी व पेशे से डाक्टर मां तथा पुलिस अधिकारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सजा के खिलाफ दोनों आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील की थी। न्यायमूर्ति साधना जाधव व न्यायमूर्ति नीतिन बोरकर की खंडपीठ ने ठोस सबूत के अभाव में आरोपी को बरी कर दिया। 

अभियोजन पक्ष ने दावा किया था कि आरोपी झोडगे तलाकसुदा थी। उसके पुलिस उप अधीक्षक स्तर के अधिकारी शिवाजी नरवणे के साथ संबंध थे। झोडगे का बेटा दोनों के संबंधो के लिए बाधा बन रहा था और वह नटखट प्रवृत्ति का भी था। इसके चलते दोनों ने मिलकर अक्टूबर 2013 में रोहन की हत्या कर दी। निचली अदालत ने साल 2019 में दोनों को इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सरकारी वकील ने कहा कि इस मामले को लेकर निचली अदालत की ओर से दिया गया फैसला सही है इसलिए इसमें हस्तक्षेप करने की जरुरत नहीं है। 

इस दौरान झोडगे की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अनिकेत निकम ने दावा किया कि  किसी भी परिस्थिति में एक मां अपने बेटे की हत्या नहीं कर सकती है। मेरे मुवक्किल के खिलाफ अभियोजन पक्ष कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया है। इसके अलावा जब घटना घटी थी उस समय मेरी मुवक्किल घर में नहीं थी। इन दलीलों से सहमत खंडपीठ ने अमरावती जेल में बंद झोडगे को सबूत के अभाव में बरी करने का आदेश दिया। जबकि नरवणे की सजा को बरकरार रखा और उसकी अपील को खारिज कर दिया। खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में रिटायर पुलिस अधिकारी मुख्य अपराधी नजर आ रहा है। 
 

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