हाईकोर्ट ने पूछा - मालेगांव मुकदमे की सुनवाई में कितना समय लगेगा

हाईकोर्ट ने पूछा - मालेगांव मुकदमे की सुनवाई में कितना समय लगेगा

Tejinder Singh
Update: 2019-07-22 14:48 GMT
हाईकोर्ट ने पूछा - मालेगांव मुकदमे की सुनवाई में कितना समय लगेगा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जानना चाहा है कि उसे साल 2008 के मालेगांव बम धमाके की सुनवाई को पूरा करने में अभी कितन समय लगेगा। न्यायमूर्ति आरवी मोरे व न्यायमूर्ति भारती डागरे की खंडपीठ ने धमाके के आरोपी समीर कुलकर्णी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सवाल किया। याचिका में कुलकर्णी ने इस मामले के निचली अदालत में चल रहे मुकदमे की सुनवाई की वीडियो रिकार्डिंग कराए जाने का निर्देश देने की मांग की है। इसके साथ ही इस मुकदमे की सुनवाई 6 माह में पूरा करने का निदेश देने का भी आग्रह किया है। 

याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने एनआईए के वकील को दो सप्ताह के भीतर यह बताने को कहा कि यह मकुदमा अौर कितने समय तक चलेगा और इसके पूरा होने की उम्मीद कब तक है। इस दौरान श्री पाटील ने कहा कि अब तक इस मामले के 475 में 124 गवाहों की गवाही हो चुकी है। वहीं इसी प्रकरण को लेकर एक अन्य खंडपीठ के सामने एनआईए के वकील श्री पाटील ने कहा कि ऐसे गवाह जिनके बयान के कुछ हिस्से को एनआईए द्वारा छुपाया गया है, उनमे से कितने गवाहों को एनआईए बुलाएगी इसकी सूची देने के लिए समय दिया जाए। इस विषय पर न्यायमूर्ति इंद्रजीत महंती के सामने सुनवाई चल रही है। इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 2 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी। इस दौरान श्री पाटील ने कहा कि एनआईए 2 अगस्त तक उन गवाहों की गवाही को नहीं दर्ज करेगी जिनके बयान का कुछ हिस्सा छिपाया गया है।  

इस मामले में भोपाल से भारतीय जनता पार्टी की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, समीर कुलकर्णी, कर्नल प्रसाद पुरोहित, सेवानिवृत्त मेजर रमेश उपाध्याय, सुधाकर द्विवेदी, अजय रहिरकर व सुधाकर चतुर्वेदी को आरोपी बनाया गया है। इन सभी लोगों के खिलाफ अवैध गतिविधि प्रतिबंधक कानून(यूएपीए),एक्सप्लोसिव सबस्टेंस कानून व भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। 29 सिंतबर 2008 को मालेगांव में मस्जिद के निकट हुए बम धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई थी जबकि सौ लोग घायल हो गए थे। 
 

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