हाईकोर्ट ने पूछा- डुमना क्षेत्र में भविष्य में होने वाले निर्माणों को क्यों नहीं रोका जा सकता

हाईकोर्ट ने पूछा- डुमना क्षेत्र में भविष्य में होने वाले निर्माणों को क्यों नहीं रोका जा सकता

Bhaskar Hindi
Update: 2021-06-28 17:00 GMT
हाईकोर्ट ने पूछा- डुमना क्षेत्र में भविष्य में होने वाले निर्माणों को क्यों नहीं रोका जा सकता


डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता से राज्य सरकार से इस संबंध में निर्देश लेकर अवगत कराने के लिए कहा है कि डुमना क्षेत्र में भविष्य में होने वाले निर्माण को क्यों नहीं रोका जा सकता है। डिवीजन बैंच ने यह भी पूछा है कि डुमना के जिस क्षेत्र में निर्माण नहीं हुआ है, उसे स्थाई रूप से संरक्षित करने के लिए आरक्षित वन क्षेत्र क्यों नहीं घोषित किया जा सकता है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने इस मामले में केन्द्र सरकार और एनवायरमेंटल प्लानिंग एंड को-ऑर्डिनेशन ऑर्गनाइजेशन (इपको) को भी पक्षकार बनाने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 7 जुलाई को नियत की गई है।
यह है मामला-
नेपियर टाउन जबलपुर निवासी जगत सिंह फ्लोरा, प्रगति नगर मंडला रोड निवासी सेवानिवृत्त कर्नल एके रामनाथन और नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से डुमना में टाइगर सफारी बनाए जाने को चुनौती दी गई थी। याचिका की सुनवाई के दौरान आवेदन दायर कर कहा गया है कि डुमना क्षेत्र में ग्रीन स्पोट्र्स सिटी और अन्य निर्माण किए जा रहे हैं। इससे डुमना क्षेत्र के पर्यावरण को नुकसान होगा। इसके साथ ही वन्य प्राणियों का जीवन भी खतरे में पड़ जाएगा। आवेदन में कहा गया कि डुमना क्षेत्र में होने वाले निर्माण से खंदारी जलाशय का अस्तित्व भी संकट में पड़ जाएगा। डुमना को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित करने की माँग की गई है।
निर्माणों से प्रभावित होगा खंदारी जलाशय के कैचमेंट एरिया-
अधिवक्ता मनोज शर्मा, अंशुमन सिंह और दिनेश उपाध्याय ने बताया कि डुमना क्षेत्र में स्थित खंदारी जलाशय से शहर के एक बड़े हिस्से में पेयजल की आपूर्ति होती है। खंदारी जलाशय के कैचमेंट एरिया में लगातार निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। इपको की रिपोर्ट पेश कर बताया गया कि इपको ने खंदारी के कैचमेंट एरिया को सुरक्षित रखने को कहा है। राज्य सरकार द्वारा लगातार खंदारी के कैचमेंट एरिया में ग्रीन स्पोट्र्स सिटी और अन्य निर्माण की अनुमति दी जा रही है। यदि खंदारी के कैचमेंट एरिया में निर्माण हो गए तो खंदारी का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही डुमना क्षेत्र के पर्यावरण को भी नुकसान पहुँचेगा।
ट्रिपल आईटीडीएम और फूड इंस्टीट्यूट का हो चुका है निर्माण-
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव और उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने जवाब प्रस्तुत कर बताया कि डुमना क्षेत्र में ट्रिपल आईटीडीएम और फूड एंड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट का निर्माण हो चुका है। इसके साथ ही डुमना एयरपोर्ट के विस्तार का काम चल रहा है। डुमना क्षेत्र में ज्यूडिशियल एकेडमी, न्यायाधीश आवास, 40 एकड़ जमीन ग्रीन स्पोट्र्स सिटी, रेलवे को 109 एकड़ जमीन, राजस्व विभाग को 10 एकड़ जमीन और लोकायुक्त को 5 एकड़ जमीन दिया जाना प्रस्तावित है। मामले की सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने महाधिवक्ता से राज्य सरकार से इस आशय का निर्देश लेकर अवगत कराने के लिए कहा है कि क्या डुमना क्षेत्र में भविष्य में होने वाले निर्माण को रोका जा सकता है।

 

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