हाईकोर्ट ने माँगी रिपोर्ट- प्रदेश में तीन श्रेणियों के कोविड अस्पतालों की क्या है व्यवस्था

हाईकोर्ट ने माँगी रिपोर्ट- प्रदेश में तीन श्रेणियों के कोविड अस्पतालों की क्या है व्यवस्था

Bhaskar Hindi
Update: 2020-10-14 08:17 GMT
हाईकोर्ट ने माँगी रिपोर्ट- प्रदेश में तीन श्रेणियों के कोविड अस्पतालों की क्या है व्यवस्था

5 नवम्बर को होगी अगली सुनवाई, आदेश का पालन सुनिश्चित करे सरकार
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
मप्र हाईकोर्ट ने कमिश्नर स्वास्थ्य सेवाएँ को निर्देश दिया है कि प्रदेश के हर जिले के सीएमएचओ से जानकारी लेकर 15 दिन में इस आशय की स्टेटस रिपोर्ट पेश करें कि उनके जिलों में कोविड के इलाज की तीन श्रेणियों के अस्पतालों और उनके प्रबंधन की क्या व्यवस्था है। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस राजीव कुमार दुबे की डिवीजन बैंच ने कोविड को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का भी निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 5 नवम्बर को नियत की गई है।   कोविड मरीजों को इलाज नहीं मिलने और निजी अस्पतालों में अनाप-शनाप रेट वसूली पर 7 सितम्बर 2020 को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेशित किया था कि कोविड के इलाज के रेट तय कर निजी अस्पतालों में रेट लिस्ट रिसेप्शन काउंटरों पर प्रदर्शित कराए। प्रदेश की जनता को अखबारों में विज्ञापन जारी कर रेट लिस्ट की जानकारी दी जाए। कोर्ट मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं हो रहा है। इसके साथ ही केन्द्र सरकार द्वारा 7 अप्रैल 2020 को जारी उस आदेश का पालन सुनिश्चित कराने का अनुरोध किया गया, जिसमें कोविड के इलाज के लिए तीन श्रेणियों के अस्पताल खोलने के लिए कहा गया है। राज्य सरकार की ओर से पेश पालन प्रतिवेदन में कहा गया कि कोविड के इलाज के रेट निर्धारित कर दिए गए हैं। प्रदेश के 347 अस्पतालों में कोविड मरीजों का नि:शुल्क इलाज हो रहा है। जिसमें 262 में सामान्य लक्षणों वाले, 62 में मध्यम श्रेणी और 16 में गंभीर श्रेणी के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि कोविड के इलाज और जीवन रक्षक दवाइयों की कमी नहीं होने दी जाएगी।  सरकार की ओर से कहा गया कि सुखसागर मेडिकल कॉलेज में संसाधन पूरे हैं, एक वर्ष से कॉलेज बंद होने से  डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है। इसलिए सुखसागर मेडिकल कॉलेज को डेडीकेटेड कोविड अस्पताल बनाना संभव नहीं है।
व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश 
डिवीजन बैंच ने कहा कि सुरक्षा हमेशा इलाज से बेहतर होती है। इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, मास्क पहनने और हाथ धोने के संबंध में व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाए। 
कोविड सेल बनाने का निर्देश 
हाईकोर्ट ने कमिश्नर स्वास्थ्य सेवाएँ को कोविड के इलाज से संबंधित शिकायतों के लिए हर जिले में एक कोविड सेल बनाने का निर्देश दिया है, कोविड सेल 24 घंटे काम करेगा। 
आईएमए, अधिवक्ता संघ और नर्सिंग होम एसोसिएशन से माँगे सुझाव 
डिवीजन बैंच ने आईएमए, जिला अधिवक्ता संघ और नर्सिंग होम एसोसिएशन को हस्तक्षेपकर्ता बनने की अनुमति देते हुए इस आशय का सुझाव माँगा है कि  कहा कि वे कोविड की लड़ाई में अपने मैनपॉवर और संसाधनों से किस प्रकार सहयोग कर सकते हैं।
 

Tags:    

Similar News