हाईकोर्ट ने आरोपी और शिकायकर्ता को दस-दस पेड़ लगाने का दिया निर्देश

छेड़खानी से जुड़ा मामला हाईकोर्ट ने आरोपी और शिकायकर्ता को दस-दस पेड़ लगाने का दिया निर्देश

Tejinder Singh
Update: 2022-01-12 15:59 GMT
हाईकोर्ट ने आरोपी और शिकायकर्ता को दस-दस पेड़ लगाने का दिया निर्देश

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  बांबे हाईकोर्ट ने छेड़खानी से जुड़े एक मामले को तो रद्द कर दिया है किंतु मामले से जुड़े आरोपी व शिकायतकर्ता को 6 सप्ताह में दस-दस पेड लगाने का निर्देश दिया है। यदि प्रकरण से जुड़े आरोपी व शिकायतकर्ता ऐसा करने में विफल होते है तो कोर्ट की ओर से एफआईआर को रद्द करने का दिया आदेश अपने आप निरस्त हो जाएगा। 

मामले से जुड़े आरोपी ने  शिकायत को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने न्यायमूर्ति पीबी वैराले व न्यायमूर्ति अनिल किलोर की खंडपीठ के सामने कहा कि मेरे मुवक्किल ने आपसी सहमति से इस मामले को सुलझा लिया है। मेरे मुवक्किल व शिकायतकर्ता दोनों एक ही सोसायटी में रहते है। अब मामले से जुड़े पक्षकारों के रिश्ते बेहतर हो गए है। वहीं शिकायतकर्ता के वकील  ने खंडपीठ के सामने कहा कि मेरी मुवक्किल ने गलतफहमी के चलते आरोपी के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई थी। मेरी मुवक्किल ने आपसी सहमति से मामले को सुलझा लिया है। ऐसे में यदि आरोपी के खिलाफ दर्ज किए गए मामले को रद्द किया जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। 

विक्रोली पुलिस ने 18 दिसंबर को इस मामले में आरोपी के खिलाफ महिला की शिकायत पर 18 दिसंबर 2018 को भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 509, 323,504 व 506 के तहत एफआईआर दर्ज की थी। जिसे रद्द करने के लिए आरोपी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि इस मामले को जारी रखने का अब कोई मतलब नहीं है। ऐसे मामले को प्रलंबित रखने से कोर्ट में सिर्फ मामलों की संख्या बढेगी। इसलिए आरोपी के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द किया जाता है। इससे पहले खंडपीठ ने कहा कि क्या मामले से जुड़े पक्षकार एफआईआर रद्द करने के बदले समाज के लिए कुछ अच्छा काम करना चाहेगे। इस पर आरोपी व शिकायतकर्ता के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल इस मामले में कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे। इस पर खंडपीठ ने आरोपी व शिकायतकर्ता को अपने सोसायटी परिसर में 6 सप्ताह में दस-दस वृक्ष लगाने का निर्देश दिया और सोसायटी के सचिव से इसका प्रमाणपत्र लेकर कोर्ट में पेश करने को कहा। खंडपीठ ने कहा कि यदि यह प्रमाणपत्र नहीं पेश किया गया तो एफआईआर को रद्द करने का आदेश अपने आप निरस्त हो जाएगा। 


12जनवरी 2022

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