रतन टाटा को राहत, वाडिया की शिकायत की सुनवाई पर लगी रोक 

रतन टाटा को राहत, वाडिया की शिकायत की सुनवाई पर लगी रोक 

Tejinder Singh
Update: 2019-03-18 14:03 GMT
रतन टाटा को राहत, वाडिया की शिकायत की सुनवाई पर लगी रोक 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने टाटा कंपनी के प्रमुख रतन टाटा सहित टाटा सन्स के निदेशकों को राहत प्रदान की है। मामला कारोबारी नुस्ली वाडिया द्वारा मैजिस्ट्रेट कोर्ट में की गई मानहानि की शिकायत से जुड़ा है। जिसके खिलाफ टाटा व टाटा सन्स की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने वाडिया की शिकायत की सुनवाई पर 27 मार्च तक के लिए अंतरिम रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने कारोबारी रतन टाटा व कंपनी के निदेशक मंडल को राहत प्रदान की है। सोमवार को न्यायमूर्ति मृदुला भाटकर ने सुनवाई के बाद मैजिस्ट्रेट कोर्ट में वाडिया की शिकायत की सुनवाई पर 27 मार्च तक अंतरिम रोक लगा दी है। इस शिकायत में वाडिया ने टाटा व टाटा संस के निदेशक मंडल के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है। मैजिस्ट्रेट कोर्ट में वाडिया की ओर से की गई शिकायत को रद्द करने की मांग को लेकर टाटा सन्स ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति भाटकर ने उपरोक्त निर्देश दिया। 

दिसंबर 2018 को मैडिस्ट्रेट कोर्ट ने वाडिया की शिकायत पर रतन टाटा व टाटा सन्स के निदेशकों नोटिस जारी किया था और मामले की सुनवाई 25 मार्च को रखी थी। शिकायत में वाडिया ने दावा किया है कि टाटा कंपनी ने उसके संबंध में कई मानहानिपूर्ण बयान दिए है। यह बयान टाटा के चेयरमेन पद से सायरस मिस्त्री को हटाने के बाद दिए गए है। वाडिया टाटा मोटर, टाटा स्टील व इंडियन होटल जैसी टाटा की इन तीन कंपनियों के स्वतंत्र निदेशक थे। बाद में उन्हें पद से हटा दिया गया था। इसके बाद वाडिया को टाटा की ओर से पत्र जारी किए गए थे। इन पत्रों के आधार पर वाडिया ने आपराधिक मानहानि की शिकायत मैजिस्ट्रेट कोर्ट में की है। टाटा की ओर से पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री व वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिंदबरम ने हाईकोर्ट में पक्ष रखा जबकि टाटा संस निदेशक मंडल की ओर से अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पैरवी की।  
 

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