सहकारी बैंक घोटाले की जांच सीबीआई को सौपने हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

सहकारी बैंक घोटाले की जांच सीबीआई को सौपने हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

Tejinder Singh
Update: 2021-03-01 14:50 GMT
सहकारी बैंक घोटाले की जांच सीबीआई को सौपने हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के कर्ज जारी करने से से जुड़े कथित घोटाले मामले की जांच सीबीआई को सौपने की मांग को लेकर दायर याचिका पर राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। इससे पहले राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने दावा किया कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे पहले याचिकाकर्ता ने कोर्ट में याचिका दायर कर आग्रह किया था कि इस प्रकरण की जांच या तो पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडबल्यू) को सौपी जाए अथवा सीबीआई को। अदालत ने इस आग्रह पर विचार करने के बाद मामले की जांच ईओडबल्यू को सौपी थी। ईओडबल्यू ने मामले की जांच कर निचली अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दायर कर दी है। ऐसे में अब दोबारा एक ही विषय की जांच फिर सीबीआई को सौपने की मांग करना गलत है। इस लिहाज से यह सुनवाई योग्य नहीं है।  

सोमवार को न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति मनीष पीटले की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। राज्य के महाधिवक्ता की दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने राज्य के महाधिवक्ता से कहा कि वे अपनी बात हलफनामे में कहे और मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। इस विषय पर सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र मोहन अरोडा ने वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश तलेकर के मार्फत हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि इस मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच नहीं हुई है। इसलिए मामले की जांच सीबीआई को सौपी जाए। अरोडा की शिकायत पर ही पहले ईओडबल्यू ने मामले की जांच की थी और जांच के बाद राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार सहित 69 लोगों के खिलाफ निचली अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दायर की है। क्लोजर रिपोर्ट में इस मामले को सीविल स्वरुप का बताया गया है और दावा किया गया है इस मामले में अपराध का खुलासा नहीं होता है। 

 

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