ग्राम पंचायत सचिव और रोजगार सहायक को जेल भेजने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

ग्राम पंचायत सचिव और रोजगार सहायक को जेल भेजने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-26 10:14 GMT
ग्राम पंचायत सचिव और रोजगार सहायक को जेल भेजने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने मंडला जिले के अंजनिया ग्राम पंचायत के सचिव और रोजगार सहायक को जेल भेजने के आदेश पर रोक लगा दी है। एकलपीठ ने राज्य सरकार और जिला पंचायत मंडला के सीईओ को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है। यह याचिका अंजनिया ग्राम पंचायत के सचिव पतिराम कार्तिकेय और रोजगार सहायक हिमांशु कटारिया की ओर से दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि जिला पंचायत मंडला के सीईओ ने 15 जनवरी 2021 को पंचायत कार्य में उन्हें अनियमितता का दोषी मानते हुए उनके खिलाफ 2 लाख 70 हजार रुपए की वसूली का नोटिस जारी किया था। इसी आदेश में कहा गया कि राशि जमा नहीं करने पर उन्हें सिविल जेल भेजा जाएगा। अधिवक्ता पारितोष त्रिवेदी ने तर्क दिया कि पंचायत अधिनियम की धारा 92 के अनुसार वसूली के नोटिस के साथ जेल भेजने का आदेश जारी नहीं किया जा सकता है। जेल भेजने के लिए अलग से प्रक्रिया निर्धारित की गई है। सीईओ ने नियमों के विपरीत आदेश जारी किया है। प्रारंभिक सुनवाई के बाद एकलपीठ ने पंचायत सचिव और रोजगार सहायक को जेल भेजने के आदेश पर रोक लगा दी है। 
 

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