HMT चावल के जनक दादाजी खोब्रागड़े नहीं रहे

HMT चावल के जनक दादाजी खोब्रागड़े नहीं रहे

Anita Peddulwar
Update: 2018-06-04 05:24 GMT
HMT चावल के जनक दादाजी खोब्रागड़े नहीं रहे

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर।  HMT चावल के अविष्कारक और कृषिभूषण दादाजी खोब्रागड़े (79) का पैरालिसिस के चलते देहांत हो गया। बता दें कि विविध पुरस्कार प्राप्त दादाजी खोब्रागड़े पैरालिसिस से ग्रस्त थे। परिवार की आर्थिक हालत नाजुक होने और सरकारी सहायता नहीं मिलने से उन्हें उचित उपचार नहीं मिल पा रहा था।  उनकी ओर होनेवाली अनदेखी व उपेक्षा की खबर सर्वप्रथम भास्कर हिन्दी डॉट काम ने सामने लाई थी। जिसके बाद उनके उपचार के लिए मुख्यमंत्री सहायता निधि से दो लाख रुपए की मदद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंजूर की थी। 

नागभीड़ तहसील के नांदेड़ निवासी दादाजी रामाजी खोब्रागड़े का ब्रह्मपुरी के डा. गणवीर के अस्पताल में 19 मई से उपचार चल रहा था। वहां हालत गंभीर होने पर उन्हें 30 मई को नागपुर के एक निजी अस्पताल में रेफर किया गया। शनिवार को उनके बचने की उम्मीद न के बराबर होने के कारण उन्हें वहां से छुट्टी दे दी गई। शनिवार को ही डा. अभय बंग के गड़चिरोली स्थित सर्च अस्पताल में परिजनों ने उन्हें भर्ती करवाया। वहां रविवार शाम उन्होंने अंतिम सांस ली। गौरतलब है कि दादाजी ने HMT धान का संशोधन कर देश का नाम रोशन किया था। उन्हें एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से लेकर पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जैसी कई बड़ी हस्तियों ने विविध पुरस्कारों से सम्मानित किया। दादाजी को 5 वर्ष पहले पैरालिसिस का अटैक आया था। जिससे उनका शरीर सुन्न हो गया। तब से वे बेड पर ही थे।

सरकारी सहायता नहीं आई काम
प्रशासन की उपेक्षा का शिकार हुए 79 वर्षीय दादाजी की उपेक्षा की खबरें प्रसार माध्यमों में आते ही हरकत में आए जनप्रतिनिधियों ने उन्हें सहायता की घोषणा की। मुख्यमंत्री सहायता कोष से भी 2 लाख रुपए परिजनों को उनके उपचार के लिए दिए गए, किंतु सरकारी सहायता अंतत: उनके काम नहीं आई। धान पर अधिक अनुसंधान करने की दृष्टि से सभी बुनियादी सुविधाओं से लैस अनुसंधान केंद्र देखने का उनका सपना अधूरा रह गया।

अस्पताल से कर दिया था डिस्चार्ज
नागपुर में उनका उपचार करनेवाले न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. चंद्रशेखर मेश्राम ने बताया कि दादाजी को कई बीमारियां थीं । पैरालाइसिस के अलावा निमोनिया, छाती में सांस लेने में परेशानी के अलावा उम्र की वजह से अन्य कई बीमारियां घेर चुकी थीं।  

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