17 साल की किशोरी कैसे बनी दस्यु सुंदरी - घर से जंगल और फिर सेंट्रल जेल तक की कहानी 

 17 साल की किशोरी कैसे बनी दस्यु सुंदरी - घर से जंगल और फिर सेंट्रल जेल तक की कहानी 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-18 09:58 GMT
 17 साल की किशोरी कैसे बनी दस्यु सुंदरी - घर से जंगल और फिर सेंट्रल जेल तक की कहानी 

 डिजिटल डेस्क सतना । महज 21 वर्ष की साधना पटेल उर्फ बेलनी पिता स्व. बुद्धविलास पटेल मूलत: उत्तर प्रदेश के चित्रकूट (कर्वी) जिले के बगहिया पुरवा गांव की रहने वाली है।  पुलिस सूत्रों के मुताबिक फौत हो चुके पिता बुद्धविलास पटेल की 3 संतानों में सबसे बड़ी साधना जब 17 वर्ष की थी तो अपने मुंहबोले रिश्तेदार छोटू पटेल के साथ घर छोड़कर चली गई थी। अनबन होने पर जल्दी ही घर लौटी तो घरवालों ने उसे अपनाने से इंकार कर दिया था। लिहाजा वो नयागांव थाना क्षेत्र के भड़हापुरवा  स्थित अपनी बुआ के घर चली गई। कहते हैं, बुआ के घर तबके 50 हजार के इनामी डकैत चुन्नीलाल पटेल का आना-जाना था। ये वही चुन्नीलाल था, जिसने वर्ष  2014 में चित्रकूट से पेशी से वापस लौट रही यूपी की एक पुलिस पार्टी पर हमला करके न केवल 13 बंदी छुड़ा लिए थे बल्कि सर्विस राइफल भी लूट ली थी। चुन्न्नीलाल के मारे जाने के बाद उसकी मुंहबोली बेटी साधना की शादी भरतकूप के पास एक गांव में स्वजातीय युवक से करा दी गई। मगर ये रिश्ता महज 6 माह ही चला। ससुराल छोड़कर बुआ के घर लौटी साधना ने बाद में अपनी पसंद के एक अन्य युवक से शादी कर ली। ये संबंध भी एक साल ही चल पाया। 
दोनों पहुंचे केंद्रीय कारागार
पुलिस सूत्रों की ही मानें तो डकैतों की सोहबत में रही साधना बजरिए इश्क सबसे पहले तराई के इनामी डाकू नवल धोबी के संपर्क में आई। अप्रैल 2018 में नवल को यहां जिला मुख्यालय में पुलिस ने अदालत में आत्म समर्पण करने की कोशिश से पहले ही गिरफ्तार कर लिया । नवल के जेल जाने के बाद साधना स्वयं गैंग लीडर बन बैठी । इस गैंग में दीपक शिवहरे, रवि उर्फ रिंकू शिवहरे, छोटू उर्फ ज्ञानेन्द्र पटेल शामिल थे। ये गैंग तराई में सड़क और बीड़ी पत्ता ठेकेदारों से रंगदारी वसूलने लगा। इसी बीच इस गिरोह से बांदा का खुरहड़ निवासी शंकर रैदास और बाबा यादव भी जुड़ गया। अब यहां के  जिस सेंट्रल जेल में नवल धोबी पहले से बंद है, उसी केंद्रीय कारागार में साधना पटेल को भी न्यायिक अभिरक्षा मिली है। कहते है, उसके पास से बरामद रायफल दीपक शिवहरे ने उसे गिफ्ट की थी।   
जालिम इतनी कि रुह कांप जाए 
कहते हैं, वर्ष 2018 की 6 अगस्त को साधना ने नयागांव थाना क्षेत्र के पालदेव से छोटकू सेन का अपहरण कर लिया था।  साधना को खबर थी कि छोटकू को कोल्हुआ के जंगल में गड़े धन का राज मालूम है। साधना के इशारे पर गिरोह में शामिल डकैतों ने छोटकू की रात में रह रह कर बंदूक की बटों से पिटाई की। लगभग बेदम हो चुका छोटकू जब बावजूद इसके धन का राज नहीं खोल पाया तो कुल्हाड़ी से उसकी उगंलियां कटवा ली गईं। इस वारदात पर साधना पटेल, दीपक शिवहरे और ज्ञानेन्द्र पटेल समेत 7 दस्युओं के खिलाफ पहली बार नयागांव थाने में  अपराध दर्ज किया गया था।  
 5 लाख की फिरौती के लिख थर पहाड़ से 2 शिक्षकों का अपहरण 
पुलिस सूत्रों ने बताया कि थर पहाड़ में वर्ष 2017 की 22 दिसंबर को नामी दस्यु सरगना नवल धोबी के साथ मिल कर 5 लाख की फिरौती के लिए सहायक शिक्षक फूल सिंह गोड़ और अतिथि शिक्षक रामप्रसाद उर्फ पप्प को अगवा कर लिया था। कहते हैं, बाद में 5 लाख के बदले दोनों की पकड़ छूटी थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस वारदात में साधना के साथ दीपक शिवहरे भी शामिल था। आरोप है कि नयागांव थाना क्षेत्र के मोहकमगढ़ से एक बकरी पालक को अगवा करने की वारदात में भी साधना का नाम आया था।  
 

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