जिला आपदा प्राधिकरण के खातों में कितनी रकम, HC ने राज्य सरकार से मांगी जानकारी 

जिला आपदा प्राधिकरण के खातों में कितनी रकम, HC ने राज्य सरकार से मांगी जानकारी 

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-15 13:15 GMT
जिला आपदा प्राधिकरण के खातों में कितनी रकम, HC ने राज्य सरकार से मांगी जानकारी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। यदि बैंक खाते में रकम जमा नहीं होती है तो वह सिर्फ कागज में ही रह जाती है। बांबे हाईकोर्ट ने जिला स्तर पर बनाई गए आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के बैंक खातों में रकम  की जानकारी न मिलने के बाद यह तल्ख टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि अगली सुनवाई के दौरान साफ करे कि क्या उसने कानून के तहत प्राधिकरण के लिए जिला अापदा निधि व अापदा राहत कोष के नाम से दो खाते खोले हैं? अदालत ने यह भी पूछा है कि इन खातों में कितनी निधि जमा की गई है?

इससे पहले सरकारी वकील अभिनंदन व्याज्ञानी ने कहा कि आपदा राहत कोष के लिए बजट में प्रावधान किया गया है। यह निधि बजट वितरण प्रणाली (बीडीएस) में उपलब्ध रहती है। सरकार समय पर समुचित निधि उपलब्ध कराएगी। इस पर बेंच ने कहा कि कानून के तहत जिला स्तर पर बनाए आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के लिए दो बैंक खाते खोलने का प्रावधान है। कोष के लिए सिर्फ बजट में प्रावधान करना पर्याप्त नहीं है। यदि रकम खाते में जमा नहीं होती है तो वह सिर्फ कागजी ही रह जाएगा।

बैठक को लेकर गंभीर नहीं सरकार
आपदा प्रबंधन कानून के तहत हर जिले के लिए आपदा प्रबंधन प्राधिकरण बनाने का प्रावधान किया गया है। इस कानून को प्रभावी ढंग से लागू किए जाने को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता संजय लाखे पाटील ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। सुनवाई के दौरान बेंच ने पाया कि राज्य व जिला स्तर पर बनाए गए आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। इससे नाराज बेंच ने सरकारी वकील को राज्य के मुख्य सचिव का इस पहलू की ओर ध्यानाकर्षित कराने का निर्देश दिया है।

बेंच ने कहा कि प्राधिकरण का काम अापदा व उससे पैदा होनेवाली परेशानी से निपटने के लिए तैयारी करना है, लेकिन प्राधिकरण की नियमित अंतराल व समय पर बैठक न होना हैरानी पूर्ण है। खास तौर से मुंबई जैसे शहर के लिए जहां हर साल बारिश के दौरान बाढ़ जैसी स्थित पैदा हो जाती है। 

Similar News