नई मुंबई एयरपोर्ट के नामकरण को लेकर निकला विशाल मोर्चा, 16 अगस्त से निर्माण कार्य रोकने की चेतावनी 

नई मुंबई एयरपोर्ट के नामकरण को लेकर निकला विशाल मोर्चा, 16 अगस्त से निर्माण कार्य रोकने की चेतावनी 

Tejinder Singh
Update: 2021-06-24 13:52 GMT
नई मुंबई एयरपोर्ट के नामकरण को लेकर निकला विशाल मोर्चा, 16 अगस्त से निर्माण कार्य रोकने की चेतावनी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नई मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को दिनकर बालू पाटील का नाम देने की मांग करते हुए गुरूवार को स्थानीय लोगों ने नई मुंबई के बेलापुर इलाके में स्थित सिडको कार्यालय पर विशाल मोर्चा निकाला। आंदोलन की अगुआई कर रहे दशरथ पाटील ने ऐलान किया कि अगर राज्य सरकार 15 अगस्त तक हवाई अड्डे का नाम डीबी पाटील के नाम पर नहीं रखती तो 16 अगस्त से हवाई अड्डे के निर्माण का काम बंद कर दिया जाएगा। 

राज्य सरकार हवाई अड्डे को शिवसेना के संस्थापक स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे का नाम देना चाहती है। लेकिन स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं। भाजपा, मनसे जैसी विपक्षी पार्टियों के साथ स्थानीय शिवसेना नेता भी लोगों की इस मांग का समर्थन कर रहे हैं। शिवसेना के पूर्व विधायक सुभाष भोईर ने कहा कि बालासाहेब का नाम हमारे दिल में है लेकिन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को डीबी पाटील का नाम दिया जाना चाहिए। भूमिपुत्र होने के नाते पार्टी के विचारों से अलग होकर आंदोलन में पहुंचा हूं। मैं रोज बालासाहेब का चरण स्पर्श करता हूं लेकिन नई मुंबई के लिए डीबी पाटील का योगदान बहुत बड़ा है। इसलिए हवाई अड्डे को उनका ही नाम दिया जाना चाहिए।

मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे इस हवाई अड्डे को छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम देने की वकालत कर चुके हैं लेकिन स्थानीय मनसे विधायक राजू पाटील भी हवाई अड्डे को डीबी पाटील का नाम देने के लिए हुए आंदोलन में शामिल नजर आए। गुरुवार को एक लाख से ज्यादा लोग इस हवाई अड्डे को दिवंगत स्थानीय नेता डी बी पाटील का नाम देने की मांग के समर्थन में सड़कों पर उतरे। किसी तरह की अप्रिय घटना रोकने के लिए करीब 5 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। भारी संख्या में लोगों के आंदोलन के चलते कई इलाकों में रास्तों को बंद कर दिया गया था हालांकि शाम को धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो गई। 

कौन थे डीबी पाटील 

दिनकर बालू पाटील (डी बी पाटील) का जन्म 13 जनवरी 1926 को रायगढ जिले के उरण में स्थित जसई गांव में हुआ था। वे पेशे से वकील थे। वे शेकाप से चार बार विधायक एक बार सांसद भी चुने गए। साथ ही उन्होंने पनवेल के नगराध्यक्ष का पद भी संभाला। नई मुंबई के निर्माण के दौरान स्थानीय किसानों को उनका अधिकार दिलाने के लिए डीबी पाटील ने सिडको से लंबी लड़ाई लड़ी। 1984 में आंदोलन के दौरान 5 किसानों की मौत भी हो गई थी लेकिन पाटील पीछे नहीं हटे। आखिरकार सिडको परियोजना से प्रभावित किसानों को 12.50 फीसदी जमीन और उचित मुआवजा देने को तैयार हुई। 24 जून 2012 को 86 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था।  

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