पति की हत्या करने वाली पत्नी को जीवन भर की जेल की सजा

पति की हत्या करने वाली पत्नी को जीवन भर की जेल की सजा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-30 12:33 GMT
पति की हत्या करने वाली पत्नी को जीवन भर की जेल की सजा

डिजिटल डेस्क सिवनी । अपने पति का कत्ल करने के मामले में कोर्ट ने आरोपी पत्नी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही धारा 201 भादवि में 2 वर्ष का सश्रम कारावास एंव 500 रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया। मामला घंसौर का है। 21 जून 2018 को घंसोर थाने के खेरीलाल निवासी रज्जनसिंग मर्सकोले की हत्या की गई थी। इस मामले में उसके बड़े भाई विष्णुलाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर छानबीन शुरु की तो पता लगा कि मृतक की पत्नी लौंगवती बाई ने धारदार हथियार से हत्या कर दी थी।
अवैध संबंधों को लेकर हत्या
मीडिया सेल के मनोज सैयाम ने बताया कि मृतक रज्जनसिंह और उसकी पत्नी लौंगवती अलग अलग रह रहे थे। जांच में पता लगा कि  पति पत्नी के बीच विवाद भी होता था। रज्जनसिग का एक महिला के साथ सबंध को लेकर और विवाद बढ़ गया। हालांकि रज्जनसिंह के भााई ने पहले ही अपनी भाभी पर भाई की हत्या का शक जताया था। रज्जनसिंह जब रात में खानाखाकर सो गया तभी वहां पर लौंगवती पहुंची और धारदार हथियार से हत्या कर दी। बाद में उसी ने ही पुलिस को गुमराह कर दूसरे व्यक्ति ने हत्या करने की कहानी बताई।
कोर्ट ने पाया दोषी
पुलिस के द्वारा इस जघन्य मामले को सुलझाते हुए आरेापी लौंगबती के विरूद्ध अभियोग पत्र प्रस्तुत किया था। जिसकी सुनवाई द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश लखनादौन --- के द्वारा विचारण किया गया। जिसमें शासन की ओर से अति जिला अभियोजन अधिकारी  निर्जला मर्सकोले के द्वारा गवाहो और सबूतो को पेश किया गया। प्रस्तुत सबूतो और गवाहो के आधार पर  न्यायालय द्वारा आरोपी लोगबती बाई को मृतक रज्जनसिंग की हत्या करने का दोषी पाया और सजा दी।
इधर मारपीट के आरोपी को सजा
कोर्ट ने सिवनी नगर में हुई मारपीट के मामले में एक आरोपी को सजा दी। 20 जुलाई 2012 को असलम कबाडा दुकान के सामने हड्डी गोदाम में फ रियादी उदेश पिता जीवनलाल तेकामए  को पुराने झगड़े की बात पर से आरोपी इरफ ान पिता सुल्तान  चाकू से हमला कर दिया।फरियादी की पत्नि गिंदिया बाई व बेटा विक्की तेकाम दौड़कर बीच.बचाव करने लगे तो गिंदिया बाई को बायें हाथ व दाहिने तरफ कंधे मे चाकू मारा तो खून निकला। जिस पर पुलिस द्वारा मामला कायम कर आरोपी के विरूद्ध चालान पेश किया गया। जिसकी सुनवाई  न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी स्नेहा सिंह सिवनी की न्यायालय में की गईए जिसमें शासन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी शीतल सरयाम  के द्वारा पैरवी की गईए जिस पर कोर्ट ने प्रकरण में आयी साक्ष्य के आधार पर आरोपी को धारा. 324 भादवि में एक वर्ष का साश्रम कारावास व धारा 323 में 500 रुपए के अथर्दण्ड से दंडित किया गया।
 

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