पाकिस्तानी पत्नी को भारत का वीजा न  मिलने से परेशान पति पहुंचा हाईकोर्ट

पाकिस्तानी पत्नी को भारत का वीजा न  मिलने से परेशान पति पहुंचा हाईकोर्ट

Anita Peddulwar
Update: 2019-03-30 12:07 GMT
पाकिस्तानी पत्नी को भारत का वीजा न  मिलने से परेशान पति पहुंचा हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पाकिस्तानी पत्नी को भारत आने का वीजा न दिए जाने से परेशान मुंबई में रह रहे कारोबारी पति आमिर वडगामा ने बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका के मुताबिक वडगामा ने 27 मार्च 2017 को पाकिस्तान स्थित कराची में मुस्लिम रीति-रिवाज के अनुसार राबिया अल्ताफ हुसैन से निकाह करने के बाद भारत आ गया था। 

वीजा न देने का कोई कारण भी नहीं बताया 
वडगामा की पत्नी ने नियमों के तहत इस्लामाबाद स्थिति भारतीय दूतावास में 16 मई 2017 और 29 मई 2018 को विजिटर वीजा (आगंतुक वीजा) के लिए आवेदन किया था। वीजा के साथ राबिया ने पति का स्पांसर लेटर भी जोड़ा था। किंतु भारतीय विदेश मंत्रालय ने राबिया के वीजा से जुड़े दोनों आवेदन पर क्या फैसला किया है और आवेदन पर विचार न करने को लेकर कोई वैध कारण की जानकारी भी मेरी पत्नी को नहीं दी गई है।

याचिका में वडगामा ने कहा है कि केंद्र सरकार का यह रुख मेरी अपनी पसंद से विवाह करने के मौलिक अधिकार व स्वतंत्रा का उल्लंघन करता है। मौजूदा किसी भी भारतीय कानून में पाकिस्तानी नागरिक से विवाह करने पर प्रतिबंध नहीं है।

जरूरी जानकारी लेने के निर्देश
अतीत में कई भारतीयों ने पाकिस्तानी महिला से विवाह किया है और बाद में उनकी पत्नी को विजिटर वीजा अथवा भारतीय नागरिकता प्रदान की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने एक फैसले में साफ किया है कि जीवन के अधिकार (संविधान के अनुच्छेद-21) का अर्थ है कि नागरिकों को अर्थपूर्ण जीवन जीने का अवसर मिले, जिससे वह अपनी पंरपराओं, संस्कृति, धरोहर का संरक्षण करते हुए अपना जीवन जी सके। इस लिहाज से मेरी पत्नी के वीजा आवेदन को लेकर विदेश मंत्रालय का रुख अतार्किक, भेदभाव व मनमानीपूर्ण है।

जस्टिस अभय ओक व जस्टिस एमएस शंकलेचा की बेंच के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका पर गौर करने के बाद बेंच ने केंद्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता मोहम्मद चुनावाला को याचिकाकर्ता के पत्नी के विजिटर वीजा के संबंध में जरुरी निर्देश लेने को कहा। बेंच ने फिलहाल मामले की सुनवाई 23 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी है। 

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