वादों पर अमल हुआ तो बदलेगी किसानों की किस्मत- इन सुझावों को भाजपा के घोषणा पत्र में मिली जगह 

वादों पर अमल हुआ तो बदलेगी किसानों की किस्मत- इन सुझावों को भाजपा के घोषणा पत्र में मिली जगह 

Tejinder Singh
Update: 2019-04-08 12:42 GMT
वादों पर अमल हुआ तो बदलेगी किसानों की किस्मत- इन सुझावों को भाजपा के घोषणा पत्र में मिली जगह 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारतीय जनता पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में किसानों के लिए लाभदायक खेती का जो वादा शामिल किया गया है, यदि उस पर अमल हुआ तो देश के किसानों की किस्मत बदल सकती है। पार्टी का घोषणा पत्र तैयार करने से पहले किसानों के मसलों को लेकर भाजपा नेतृत्व को कई सलाह देने वाले बस्तर के डॉ राजाराम त्रिपाठी ने इस बात पर खुशी जताई है कि पार्टी ने उनके सुझावों को अपने संकल्प पत्र में शामिल किया है। वे चाहते हैं कि सत्ता में आने के बाद ये वादे पूरे भी हो। मुंबई प्रवास पर आए अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) के राष्ट्रीय संयोजक त्रिपाठी ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया कि उनके सुझाव के आधार पर ही भाजपा ने किसानों को एक लाख रुपए पांच साल बिना ब्याज का कर्ज, किसान सम्मान निधि, छोटे किसानों को पेंशन देने और भूमि रिकॉर्ड का डिजिटाइजेशन करने का वादा किया है। डॉ त्रिपाठी के मुताबिक किसानों को लेकर की गई भाजपा की घोषणाएं गेमचेंजर साबित होंगी। इसका सीधा लाभ 35 करोड़ किसानों को होगा। भाजपा के पास कैडर है, इसलिए वे घर-घर जाकर अपनी नीति का प्रचार करेंगे। किसानों वोटों का ध्रुवीकरण किस तरह सरकार का तख्ता पलट सकती है यह मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के चुनावों में भाजपा ने देखा है इसलिए वह इस बार किसानों तक अपनी बात पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। 

बदल जाएगी किसानों की किस्मत

डॉ त्रिपाठी ने बताया कि भाजपा का संकल्प पत्र बनाने के लिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह के घर बैठक हुई थी। इसमें रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, कृषिमंत्री राधामोहन सिंह, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,  केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह सहित कई नेता मौजूद थे। इस बैठक में आईफा की ओर से डॉ त्रिपाठी ने किसानों के लिए पेंशन, किसानों को पद्म पुरस्कार, आर्गेनिक खेती को प्रोत्साहन, फूड प्रोसेसिंग पांच गुना बढ़ाने, डेयरी और अन्न, फल, फूल, मसाले, जड़ी बूटियों की खेती के लिए भारतीय प्रमाणीकरण प्राधिकरण गठित करने जैसे कई सुझाव दिए थे। इनमें से कुछ प्रमुख सुझावों को घोषणापत्र में जगह मिली है। त्रिपाठी के मुताबिक सरकार के पास पैसा कहां से आएगा और उसे कैसे खर्च किया जाएगा इसकी पूरी रूपरेखा उन्होंने बनाकर दी है। योजना का लाभ सभी किसानों को मिलेगा इसलिए यह कांग्रेस के वादों की तुलना में किसानों के अधिक लाभदायक होगा। 

वादों को पूरा भी करें सरकारें

त्रिपाठी ने कहा कि राजनीतिक दलों के घोषणापत्र उस पोस्ट डेटेड चेक जैसे होते हैं जो अक्सर बाउंस हो जाते हैं। आम लोगों के चेक बाउंस होने पर उन पर आपराधिक मामले दर्ज होते हैं लेकिन सरकारों से कोई सवाल नहीं करता। उन्होंने बताया कि 2014 के संकल्प पत्र के लिए भी भाजपा ने उनसे सुझाव मांगे थे। उसमें कृषि उत्पाद के लिए रेल नेटवर्क बिछाने के वादे पर कुछ नहीं हुआ हालांकि सरकार ने फसल बीमा और किसान चैनल से जुड़े उनके सुझाव माने और पूरे किए हालांकि इसे लागू करने में अभी कई खामी है। उम्मीद है कि इस बार भाजपा सभी वादों को पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भी गरीबों को 72 हजार रुपए, कर्ज न चुका पाने वाले किसानों पर आपराधिक मामला न दर्ज करने, मनरेगा को बढ़ाकर 150 दिन करने जैसे वादे किए हैं जो लुभावने तो लगते हैं लेकिन वास्तव में इस पर कितना अमल हो पाएगा यह कहना मुश्किल है। 
 

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