पोकलेन मशीन लगाकर माथनी खदान से अवैध खनन

 पोकलेन मशीन लगाकर माथनी खदान से अवैध खनन

Bhaskar Hindi
Update: 2020-07-22 13:45 GMT
 पोकलेन मशीन लगाकर माथनी खदान से अवैध खनन

सैकड़ों डंपरों से रोजाना निकल रही अवैध रेत, कार्रवाई के बाद भी मानने के लिए तैयार नहीं रेत माफिया, प्रतिबंध के बावजूद जारी है रेत का अवैध कारोबार
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा।
रेत के गोरखधंधे में संलिप्त रेत माफिया सरकार के नियमों को खुली चुनौती दे रहे हैं। एनजीटी ने बारिश के दौरान रेत खनन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन सौंसर की माथनी रेत खदान से पोकलेन मशीन लगाकर अवैध उत्खनन किया जा रहा है। रोजाना सैकड़ों डंपर अवैध रेत निकल रही है। जिसमें यहां के रेत कारोबारियों की सीधी मिलीभगत है।
सौंसर रेत के अवैध कारोबार का सबसे बड़ा अड्डा बन गया है। प्रशासनिक अफसरों द्वारा बार-बार कार्रवाई के बाद भी रेत कारोबारी प्रतिबंध की अवधि के दौरान रेत खनन कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि माथनी रेत खदान से तो रोजाना 100 से 200 डंपर अवैध रेत रोजाना निकल रही है। रेत माफिया बीच नदी में पोकलेन मशीन उताकर बहती नदी से रेत निकाल रहे हैं। रेत माफियाओं में अफसरों का जरा भी खौफ नहीं है। पहले रात के अंधेरे में रेत का अवैध उत्खनन किया जाता था लेकिन अब दिन के उजाले में ही रेत माफिया धड़ल्ले से अवैध रेत निकाल रहे हैं।
अफसरों से तगड़ा माफियाओं का नेटवर्क
अफसरों से तगड़ा रेत माफियाओं को नेटवर्क यहां है। बताया जा रहा है कि रविवार को अधिकारियों को यहां जारी अवैध उत्खनन की खबर लगी थी। जिसके बाद राजस्व, पुलिस और खनिज विभाग की टीम ने देर रात यहां छापामार कार्रवाई करने की कोशिश की, लेकिन अधिकारियों के आने की खबर रेत माफियाओं को पहले ही लग गई थी। पोकलेन मशीन सहित डंपर मौके से फरार कर दिए गए।
छह जांच नाकों का भी असर नहीं
अवैध रेत खनन को रोकने के लिए पिछले दिनों छह जांच नाके सौंसर के अलग-अलग क्षेत्रों में बनाए गए थे। अधिकारियों का मानना था कि इन जांच नाकों के जरिए अवैध उत्खनन पर नकेल कस पाएगी, लेकिन इसके बाद भी संतरांचल की खदानों से बकायदा अवैध रेत निकल रही है। ऐसा भी कोई रास्ता यहां नही है जहां से डंपर बिना पास किए अलग-अलग क्षेत्रों में रेत सप्लाई कर रहे हो।
इनका कहना है....
- माथनी रेत खदान से अवैध उत्खनन की शिकायत मिली थी, जिसके बाद रात में दबिश भी दी गई, लेकिन कोई पकड़ में नहीं आया। जल्द ही यहां फिर से टीम पहुंचाई जाएगी।
मनीष पालेवार जिला खनिज अधिकारी

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