पंडाल बनाने के बाद अनुमति के मामले में मनपा आयुक्तों के खिलाफ होगी कार्रवाई : हाई कोर्ट

पंडाल बनाने के बाद अनुमति के मामले में मनपा आयुक्तों के खिलाफ होगी कार्रवाई : हाई कोर्ट

Tejinder Singh
Update: 2018-09-12 16:48 GMT
पंडाल बनाने के बाद अनुमति के मामले में मनपा आयुक्तों के खिलाफ होगी कार्रवाई : हाई कोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि हमे पता चला कि पंडाल बनने के बाद उसके लिए अनुमति दी गई है, तो ऐसे मामलों में हम महानगरपालिकाओं के आयुक्तों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। क्योंकि ऐसा करना अवैध पंडाल के निर्माण को प्रोत्साहित करने जैसा है। अदालत ने कहा कि दो साल पहले में हमने अवैध पंडालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं पर सरकार ने पंडालों को लेकर हमारे सामने जो जानकारी पेश की है उससे प्रतीत होता है कि अभी बड़ी संख्या में अवैध पंडाल बन रहे हैं। मामले की पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 12 महानगरपालिकाओं से पंडालों की जांच को लेकर जानकारी मंगाई थी। पंडाल की जांच का जिम्मा राजस्व विभाग की टीम को सौपा गया था। बुधवार को सरकारी वकील अभिनंदन व्याज्ञानी की ओर से सौपी गई रिपोर्ट पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि मुंबई में 132 व उपनगर इलाके में 217 अवैध पंडाल पाए गए है। इसी तरह नाशिक इलाके में 108, वसई-विरार इलाके में 122 भिवंडी इलाके में 113 अनधिकृत पंडाल पाए गए है। नागपुर ,अमरावती व पुणे तथा अन्य इलाको को लेकर सरकारी वकील की ओर से दिए गए चार्ट में जानकारी उपलब्ध नहीं थी। इसके लिए सरकारी वकील ने कहा कि हम जानकारी अभी भी इकट्ठा कर रहे हैं, इसके लिए थोड़ा वक्त दिया जाए। 

इस पर खंडपीठ ने कहा कि सरकारी वकील ने जो चार्ट हमे दिया है उसकी प्रति सभी महानगरपालिकाओं को दे हम उसने इस विषय में सफाई मंागेगे। सरकार ने जो जानकारी दी है वह दर्शाती है कि अभी भी बड़ी संख्या में अनधिकृत पंडाल बने है। यदि हमे पता चला कि पंडाल बनने के बाद अनुमति दी गई होगी तो हम संबंधित महानगरपालिका के आयुक्त के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। जहां तक बात समय की है तो हम सरकार को ज्यादा वक्त नहीं दे सकते है। हम शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई करेंगे। इस दौरान हमे बताया जाए कि अवैध पंडालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है? 

इस बीच मुंबई मनपा की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल साखरे ने कहा कि हमे पुलिस की ओर से एक पत्र मिला है जिसमे अवैध निर्माण को गिराने के लिए पुलिस बल उपलब्ध कराने में असमर्थता जाहिर की गई है। क्योंकि त्यौहार के दौरान पुलिसकर्मी बंदोबस्त के काम में रहते हैं। पुलिस बल के सहयोग के बिना अवैध पंडालों के खिलाफ कार्रवाई करना मुश्किल है। इस पर सरकारी वकील ने खंडपीठ के सामने एक सुधारित पत्र पेश किया जिसमें कहा गया है कि सरकार ने त्यौहार के दौरान अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई को थोड़े दिनों के लिए टालने का आग्रह किया था। लेकिन अब सरकार अनधिकृत पंडालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मनपा अधिकारियों को पुलिस बल उपलब्ध कराएगी। खंडपीठ ने कहा कि फिलहाल हमारे सामने जो जानकारी पेश की गई है वह आधी अधूरी है। इसलिए शुक्रवार को हमारे सामने पूरी जानकारी पेश की जाए। 

 

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