किसान आत्मदाह करने पर मजबूर,नहर के सीवेज से खेत बने तालाब

किसान आत्मदाह करने पर मजबूर,नहर के सीवेज से खेत बने तालाब

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-19 07:45 GMT
किसान आत्मदाह करने पर मजबूर,नहर के सीवेज से खेत बने तालाब

डिजिटल डेस्क छिन्दवाड़ा/चौरई। माचागोरा पेंच बांध से निकली नहरों का आधा अधूरा निर्माण किसानों के लिए बर्बादी का कारण बन रहा है।पीठ थपथपाने के लिए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने आधी अधूरी नहरों में ही पानी छोड़ दिया हैं। ऐसे में नहरों के कच्चा होने से पानी सीपेज मारकर आसपास के खेतों को तालाब में तब्दील कर रहा है। चांद के हरनाखेड़ी गांव में धमनिया से कौआखेड़ा नहर में लाइनिंग नहीं होने से इसका पानी किसानों के खेतों में बर्बादी मचा रहा है।
लहसुन हो गया खराब
हरनाखेड़ी के किसान महेंद्र चौरसिया के खेत में धमनिया कौआखेड़ा नहर का पानी बर्बादी मचा रहा है। आलम यह है कि नहर के पानी में मोटर सहित डूब चुके कुंए के अलावा किसान के खेत में घुटने-घुटने तक पानी भरा हुआ है। खेत में लगाया गया लहसुन भी ज्यादा पानी भरने से पीला पड़कर खराब होने लगा है।
लापरवाही से रास्ता भी बंद
लाइनिंग और स्ट्रेचर के बिना ही हरनाखेड़ी के पास नहर में पानी तेजी से छोड़ा जा रहा हैं। ऐसे में किसानों के खेतों के पास से बह रहा पानी यहां से सिहोरा, बंधी को जोडऩे वाले रास्ते में भी समा गया हैं, जिससे रास्ता बंद हो गया है। ठेकेदार के डामर प्लांट की रोड में भी घुटने से ऊपर तक पानी भर गया हैं।
नालों में बहा रहे पानी
पेंच के अधिकारियों ने बांकानागनपुर से लेकर धमनिया नहर में पानी छोड़ दिया हैं। नहरों में छोड़ा गया पानी छोटी नहरों के नहीं बनने से खेतों तक भी नहीं पहुंच रहा हैं। ऐसे में इस पानी को नालों में बहाया जा रहा हैं। झिलमिली के अलावा पाल्हरी और हरनाखेड़ी में भी यही हाल हैं।
एक बार भी नहीं आए अधिकारी
हरनाखेडी में बिना लाइनिंग की नहर में दो साल से अधिकारी पानी छोड़ रहे हैं। किसानों के खेत बर्बाद होने की लगातार दो साल से किसान शिकायत कर रहे हैं। लेकिन जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही हैं। इन किसानों को अब तक मुआवजा तक नहीं दिया गया हैं।
कलेक्टर को लिखा पत्र
किसानों ने इस मामले में विधायक पं.रमेश दुबे से गुहार लगाई। विधायक ने इस मामले में कलेक्टर के अलावा जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से बात की। उन्होंने किसानों को मुआवजा देने के लिए भी कहा हैं। विधायक ने कहा कि किसानों की समस्या का निदान जल संसाधन विभाग नहीं कर रहा है।
दो साल से नहीं हुई फसल, कर्ज में डूब  चुका है धर्मराज
नहर के नीचे चार एकड़ जमीन के मालिक धर्मराज चौरसिया के हाल नहर ने बेहाल कर दिए हैं। नहर में लाइनिंग नहीं होने से उसका सीपेज बढ़ता जा रहा हैं। धर्मराज ने बताया कि दो साल से उनका खेत तालाब बन गया हैं। नहर का पूरा पानी सीपेज होकर उनके खेत में जा रहा हैं। एक रुपए की फसल दो साल में नहीं हो पाई हैं। जल संसाधन विभाग के अफसरों ने एक बार यहां पर आना भी जरूरी नहीं समझा हैं। तीन बेटी का परिवार चलाना उनके लिए मुश्किल हो रहा हैं। सोसायटी से उन्होने 50 हजार का कर्जा लिया हैं लेकिन वह भी चुका पाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे ही हाल रहे तो मौत को गले लगाना होगा।

 

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