अनाज की हेराफेरी ! अवैध परिवहनकर्ताओं पर 1 करोड़ का जुर्माना

अनाज की हेराफेरी ! अवैध परिवहनकर्ताओं पर 1 करोड़ का जुर्माना

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-08 09:16 GMT
अनाज की हेराफेरी ! अवैध परिवहनकर्ताओं पर 1 करोड़ का जुर्माना

डिजिटल डेस्क जबलपुर। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बांटे जाने वाले अनाज के परिवहन में अनियमितता बरतने वाले ट्रांसपोर्टरों पर आखिर पैनाल्टी लगाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। मार्फेड के एमडी ज्ञानेश्वर पाटिल ने इस प्रकरण में आदेश जारी करते हुए लगभग एक करोड़ रुपए का जुर्माना वसूलने के निर्देश कलेक्टर महेशचन्द्र चौधरी को दिए हैं। आदेश में कहा गया है कि हाईकोर्ट जबलपुर में दायर याचिका में 2014 में पारित आदेश के प्रकाश में विपणन संघ एवं उससे अनुबंधित परिवहनकर्ताओं के मध्य हुए अनुबंध अनुसार प्रबंध परिप्रेक्ष्य में संबंधित परिवहनकर्ताओं को सुनवाई का अवसर दिए जाने के बाद, अनाज की राशि वसूली जानी है। उसके तहत मेसर्स नर्मदा इंटरप्राइजेज एवं मेसर्स रामेश्वरम ट्रांसपोर्ट से एक करोड़ रुपए से ज्यादा कि वसूली की जानी है। बताया जाता है कि दोनों से क्रमश: 2,82,600 एवं 99,85,200 रुपए की राशि वसूली के निर्देश दिए गए हैं। एमडी का पत्र मिलने के बाद कलेक्टर ने संबंधित विभाग को कार्रवाई करने को कहा है।
2014-15 का है मामला-
पता चला है कि अनाज की अनियमितता का मामला वर्ष 2014-15 में सामने आया था और तब इस मामले में कार्रवाई भी की गई थी। इसके बाद यह मामला हाईकोर्ट के समक्ष पेश हुआ, जिसमें उच्च न्यायालय ने कलेक्टर को प्रकरण यह कहते हुए वापस भेज दिया कि इसमें कार्रवाई करने के सक्षम अधिकारी जिला दण्डाधिकारी हैं। बताया जाता है कि हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश के वक्त कलेक्टर एसएन रूपला जबलपुर में पदस्थ थे। मामले की पड़ताल करने के बाद श्री रूपला ने इस मामले में कार्रवाई करने के लिए मार्फेड को सक्षम विभाग बताते हुए, प्रकरण डिस्पोज ऑफ कर दिया और मामला रिकॉर्ड रूम भेज दिया गया। इसके बाद श्री रूपला ने इस मामले में एक पत्र लिखकर मार्फेड से जानकारी भी मांगी, लेकिन तब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी थी। इसी बीच वर्तमान कलेक्टर महेशचन्द्र चौधरी के संज्ञान में यह मामला आने पर उन्होंने इस प्रकरण के संबंध में मार्फेड एमडी को स्मरण पत्र लिखा। कलेक्टर जबलपुर का पत्र मिलने के बाद वर्तमान में मार्फेड एमडी ने कार्रवाई करते हुए वसूली करने के लिए आदेश जारी किए हैं।
एक परिवहनकर्ता अब भी है फरार
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिन दो परिवहनकर्ताओं के िवरुद्ध 2014-15 में उपार्जित अनाज के परिवहन में अनियमितताएं सामने आईं थीं, उन्हीं में से एक के खिलाफ वर्ष 2015-16 में पुन: अनियमितता का आरोप लगा है। इस मामले में परिवहनकर्ता अब भी फरार है और उसके विरुद्ध कार्रवाई के लिए कलेक्टर ने कई बार पुलिस को निर्देश भी दिए हैं। उधर जानकारों का कहना है, पीडीएस के अनाज में घपलेबाजी करने वालों को कई बड़े लोगों का संरक्षण प्राप्त है। यही वजह रही कि कार्रवाई में इतना समय लग गया। मजे की बात यह है कि अनियमितता के आरोप में एक बार पकड़े गए परिवहनकर्ता को दोबारा परिवहन की जिम्मेदारी दी जाती है और उसमें भी गड़बड़ी करने के बाद वह फरार हो जाता है। जिसे पुलिस और प्रशासन आज भी तलाश कर रही है।
साढ़े 6 हजार क्विंटल से ज्यादा की हेराफेरी-
पता चला है कि दोनों ही परिवहनकर्ताओं द्वारा विभिन्न समितियों के तहत साढ़े छ: हजार क्विंटल से ज्यादा के अनाज की हेराफेरी की गई है। बताया गया कि मेसर्स नर्मदा इंटरप्राइजेज बघराजी और नगना समिति के अंतर्गत लगभग 480 क्विंटल अनाज की अनियमितता बरती गई। इसमें अनाज के कुल मूल्य 7,53,600 में से जिला विपणन अधिकारी द्वारा 4 लाख 71 हजार रुपए की वसूली कर ली गई है। बाकी बची 2,82,600 रुपए की वसूली बकाया है। वहीं मेसर्स रामेश्वरम ट्रांसपोर्ट सकरा एवं सरौंद, मझगवां समितियों के तहत 6,360 क्विंटल अनाज की अनियमितता बरती जाना पाया गया था। इस प्रकरण में 99,85,200 की राशि वसूली जानी है।
कार्रवाई की जा रही है
मामले में कार्रवाई के लिए पत्र प्राप्त हुआ है। इस मामले में संबंधितों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। शीघ्र ही वसूली की जाएगी।
- रोहित सिंह बघेल, डीएमओ

 

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