आदिवासी छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति बढ़ी, नगरपरिषदों के कचरा प्रबंधन प्रारुप को भी मंजूरी

आदिवासी छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति बढ़ी, नगरपरिषदों के कचरा प्रबंधन प्रारुप को भी मंजूरी

Tejinder Singh
Update: 2018-09-04 15:00 GMT
आदिवासी छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति बढ़ी, नगरपरिषदों के कचरा प्रबंधन प्रारुप को भी मंजूरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य कि 32 महापालिका, नगरपालिका व नगर परिषदों में कचरा प्रबंधन के लिए 178 करोड़ रुपए कि परियोजना के प्रारुप को मंजूरी दी गई है। मुख्य सचिव दिनेश कुमार जैन की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरिय बैठक में यह फैसला लिया गया। इनमें नागपुर की 6 नाशिक की दो, औरंगाबाद की तीन और अमरावती कि सात स्थानीय निकाय संस्थाएं शामिल हैं। जिन स्थानीय निकायों के लिए परियोजना प्रारुप को मंजूरी दी गई हैं, वहां फिलहाल क्या स्थिति है, इस बाबत मुख्य सचिव ने नगर विकास विभाग से रिपोर्ट मांगी है।

इस दौरान जैन ने कहा कि राज्य में स्वच्छता अभियान पर अच्छी तरह अमल के चलते ही स्वच्छता सर्वेक्षण में महाराष्ट्र देश में दूसरे क्रमांक पर है। बैठक में  नागपुर विभाग के मौदा (1.29 करोड़ ), नागभिड (1.13 करोड़ ), वाडी (1.57 करोड़ ), गडचांदुर (1.51 करोड़ ), गोंदिया (8.73 करोड़ ), कामठी (7.35 करोड़ ), नाशिक विभाग के त्र्यंबकेश्वर (1.05 करोड़ ), श्रीरामपूर (3.67 करोड़ ), औरंगाबाद विभाग के तुलजापूर (2.55 करोड़ ), मुखेड (2.01 करोड़ ), वसमतनगर (3.93 करोड़ ), अमरावती विभाग के अमरावती (40.71 करोड़ ), शेंदूरजनाघाट (2.07 करोड़ ),मंगलूरपीर (2.69 करोड़ ), पुसद (4.28 करोड़ ), खामगाव (6.07 करोड़ ), लोणार (2.74 कोटी) और बालापुर (2.86 करोड़ ) के परियोजना प्रारुप को मंजूरी दी गई है। 

छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाया
राज्य में आदिवासी छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की राशि 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.50 लाख रुपए कर दिया गया है। राज्य मंत्रिमंडल ने इससे संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी है। वित्त मंत्री मुनगंटीवार ने बताया कि केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार ने छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाने का फैसला किया है। यह फैसला विशिष्ट योजनाओं पर लागू होगा। 
 

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