चुनाव आचार संहिता के पहले मंत्रालय में बढ़ी भीड़, काम पूरा करने की जल्दबाजी से परेशान अधिकारी 

चुनाव आचार संहिता के पहले मंत्रालय में बढ़ी भीड़, काम पूरा करने की जल्दबाजी से परेशान अधिकारी 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-08 17:25 GMT
चुनाव आचार संहिता के पहले मंत्रालय में बढ़ी भीड़, काम पूरा करने की जल्दबाजी से परेशान अधिकारी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। लोकसभा चुनाव का ऐलान होते ही आचार संहिता लग जाएगी और सरकारी फैसले ठप हो जाएंगे। इसीलिए पिछले कुछ दिनों से मंत्रालय में आम लोगों की भीड़ बढ़ गई है। वहीं नेता भी अपने चुनाव क्षेत्र के फायदे के काम, अधिकारी कर्मचारियों के तबादले, निधी हासिल करने, परियोजनाओं की मंजूरी के लिए विधायक, सांसद भी भागदौड़ में लगे हुए हैं। ज्यादातर मंत्री शुक्रवार को सह्याद्री गेस्ट हाउस पर मौजूद थे और उनके निजी सचिवों के कार्यालयों में लोगों की भीड़ लगी हुई थी।

राष्ट्रीय चुनाव आयोग अगले एक दो दिन में ही लोकसभा चुनावों के कार्यक्रम का ऐलान करेगा। इसके बाद आचार संहिता लागू हो जाएगी और कोई विभाग ऐसा फैसला नहीं कर पाएगा, जिससे मतदाता प्रभावित हों। इस दौरान अधिकारियों/कर्मचारियों के तबादले भी नहीं किए जा सकेंगे। इसलिए बजट सत्र जल्दी खत्म होने के बाद से मंत्री मंत्रालय में ही नजर आ रहे हैं। कोई अहम फैसला अटका न रह जाए इसके लिए लगातार बैठकों और सुनवाई का दौर जारी है। शनिवार और रविवार को छुट्टी का दिन होने के चलते लोग शुक्रवार को ही अपने काम करा लेना चाहते थे। राज्य के कई इलाकों से इसके लिए लोग मंत्रालय पहुंचे थे। इसलिए विभागों के सचिव, सहायक सचिव, उप सचिव के ऑफिसों में सामान्य से काफी ज्यादा भीड़भाड़ नजर आ रही थी। शहरी विकास और राजस्व विभाग में लोगों का सबसे ज्यादा जमावड़ा रहा।

उपसचिव का घेराव
राज्य सरकार द्वारा महात्मा बसेश्वर के नाम पर घोषित पुरस्कार की फाइल जल्द आगे बढ़ाने की मांग को लेकर शिवा संगठन के पदाधिकारियों ने वित्त विभाग के एक उपसचिव का घेराव किया। संगठन आचार संहिता लागू होने के पहले फाइल निपटाने की मांग कर रहा था। उपसचिव को सुरक्षित निकालने के लिए पुलिस की मदद लेनी पड़ी।

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