रेल टिकट की पारदर्शिता के लिए शुरू हुई पहल बन गई मुसीबत

रेल टिकट की पारदर्शिता के लिए शुरू हुई पहल बन गई मुसीबत

Bhaskar Hindi
Update: 2020-10-31 09:27 GMT
रेल टिकट की पारदर्शिता के लिए शुरू हुई पहल बन गई मुसीबत

रेलवे आरक्षण केन्द्र के डिस्प्ले बोर्ड महीनों से खराब पड़े समन्वय न होने से यात्रियों-रेलकर्मियों में हो रही बहस
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
रेलवे टिकट बनाने की प्रक्रिया की पारदर्शिता के लिए मुख्य रेलवे स्टेशन स्थित मुख्य आरक्षण केन्द्र पर लगाए गए  सभी 16 डिस्प्ले बोर्ड बंद होने के कारण टिकट बनाने वाले रेल स्टाफ और यात्रियों के बीच हर रोज बहस हो रही है जो आरक्षण केन्द्र के स्टाफ के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। जानकारी के अनुसार आधुनिकीकरण योजना के तहत रेल मंडल के वाणिज्य विभाग ने साल की शुरूआत में पीपीपी मोड के तहत मुख्य आरक्षण केन्द्र के काउंटर्स पर डिस्प्ले लगाए गए थे ताकि यात्री टिकट बनाते हुए डिस्प्ले बोर्ड में देख सकें, यात्रा और यात्री से संबंधित सही जानकारी आपसी समन्वय से भरी जा सके और किसी प्रकार की गलती न हो। इसका एक उद्देश्य समय की बचत भी था लेकिन पिछले 8 महीने से डिस्प्ले बोर्ड बंद होने से यात्री परेशान हो रहे हैं। 
मुँह पर मास्क होने से बात हो पाना भी मुश्किल 

 कोविड-19 की वजह से रेल स्टाफ और यात्रियों को मुँह पर मास्क लगाना पड़ रहा है, ऊपर से काउंटर पर प्लास्टिक की पन्नी लगी है। ऐसे में हालात ये हैं कि न तो रेेल स्टाफ यात्री की बातों को समझ पा रहा है, न ही यात्री रेल स्टाफ की बात.. जिसकी वजह से उनके बीच दिन भर बहस होती रहती है, जिससे तनाव के हालात बन रहे हैं। सबसे परेशानी की बात यह है िक यात्रियों और रेल स्टाफ को बात करने के लिए चीखना पड़ रहा है। यात्रियों का कहना है िक अगर डिस्पले बोर्ड बंद हो गए हैं तो कम से कम पुरानी व्यवस्था वाले माइक की लगवा दिए जाएँ ताकि माइक के जरिए टिकट संबंधी बातचीत तो रेल स्टाफ से संभव हो सके।
ठेका कैंसल करेंगे या कोई और उपाय
ये सही है कि मुख्य आरक्षण केन्द्र के सभी डिस्प्ले बोर्ड बंद हैं। प्राइवेट कंपनी को पीपीपी मोड के तहत ठेका दिया था लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वो काम सही तरीके से नहीं कर पाई, जिसकी वजह से यात्रियों को परेशानी हो रही है। ट्रेनों के चलने के बाद अब डिस्प्ले बोर्ड का काम जरूरी है, इसके लिए या तो पुराना ठेका कैंसल किया जाएगा या फिर कोई उपाय करेंगे ताकि यात्रियों की बेहतर सुविधाएँ मिलती रहें। 
देवेश सोनी, डीसीएम


 

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