जबलपुर की हर्षिता के पास है 200 पेंटिंग्स का कलेक्शन

जबलपुर की हर्षिता के पास है 200 पेंटिंग्स का कलेक्शन

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-10 09:40 GMT
जबलपुर की हर्षिता के पास है 200 पेंटिंग्स का कलेक्शन

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। बचपन से ही चित्रकारी करने का शौक था, जो अब पैशन बन चुका है। वहीं पेन और की-चेन के कलेक्शन का शौक भी धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। कुछ युनीक पेन्स और की-चेन्स देखते ही बनते हैं। त्रिमूर्ति नगर निवासी 15 वर्षीय हर्षिता क्षत्रिय के पास खुद की बनाई 200 पेन्टिंग्स का संग्रह है, साथ ही अब पेन, की-चेन्स भी उनके संग्रह में जुड़ गए हैं। हर्षिता, रेयान स्कूल में कक्षा दसवीं की छात्रा हैं।

बना लेती हैं कलेक्शन
उन्होंने बताया कि संग्रह करने की प्रेरणा उनकी बुआ से मिली, जिन्हें आज भी एंटिक पीस या फिर अन्य शहरों की स्मृतियों को रखने का शौक है। आर-1 चंदन का पेन और नेपाल का की-रिंगहर्षिता ने बताया कि उनके पास चंदन की लकड़ी और स्टील का बना हुआ पेन है। स्टील के पेन में पीतल की रिफिल है। वहीं नेपाल, मलेशिया जैसे स्थानों के की-रिंग्स भी हैं, जो अपने आप में स्पेशल हैं। किसी पर बोतल, डॉल, फिश बनी है, तो किसी में शहरों की खास स्मृतियां हैं। जब भी परिचित विदेशों से स्मृति चिन्ह स्वरूप पेन, की-रिंग्स लेकर आते हैं, उन्हें वह अपने कलेक्शन का हिस्सा बना लेती हैं।

7 साल की उम्र से बना रहीं पेन्टिंग्स
चित्रकारी का शौक बचपन से ही था, जब छोटी थीं तो दीवारों को पेंसिल से रंग दिया करती थीं। बड़ी होते-होते कैनवास पर अपनी कल्पनाएं उकेरने लगीं। अब हर्षिता 15 वर्ष की हो गई हैं और उनके पास उनकी बनाई हुई लगभग 200 पेन्टिंग्स हैं। पेन्टिंग्स की खासियत यह है कि पहले वो पेन्सिल से स्कैच पेन्टिंग बनाया करती थीं और उसके बाद क्रेयोन्स, वॉटर कलर्स से भी चित्रकारी करने लगीं। उनके संग्रह में सबसे ज्यादा धार्मिक चित्र हैं। कार्टून्स और नेचर से जुड़ी कई पेन्टिंग्स हैं। स्कूल कॉम्पिटीशन के अलावा कई चित्रकला प्रतियोगिताओं में हिस्सा भी लेती हैं। हर्षिता, रेयान स्कूल में कक्षा दसवीं की छात्रा हैं।

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