घूसखोर बिजली कंपनी के जेई को चार साल की जेल, अर्थदंड भी देना होगा

घूसखोर बिजली कंपनी के जेई को चार साल की जेल, अर्थदंड भी देना होगा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-13 15:21 GMT
घूसखोर बिजली कंपनी के जेई को चार साल की जेल, अर्थदंड भी देना होगा

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश ने रिश्वत लेने के आरोप में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के गढ़ा-पुरवा कार्यालय में पदस्थ जूनियर इंजीनियर अनिल कुमार जैन को चार साल की सजा सुनाई है। न्यायालय ने आरोपी पर 1200 रुपए अर्थदंड भी लगाया है।

एक हजार रुपए लेने हो गया था तैयार
अभियोजन के अनुसार गढ़ा निवासी शेखर साहू ने 24 जुलाई 2017 को लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक से शिकायत दर्ज कराई कि भेड़ाघाट रोड स्थित अंधमूक चौराहे पर उसका कंस्ट्रक्शन संबंधी काम का ऑफिस है। उसने अपने ऑफिस में सिंगल फेज बिजली के मीटर का लोड बढ़ाकर 3 फेज करने के लिए गढ़ा-पुरवा ऑफिस में आवेदन दिया था। उसने लोड बढ़ाने के लिए निर्धारित शुल्क 5 हजार 750 रुपए जमा कर दिया था। इसके बावजूद यहां पर पदस्थ जेई अनिल कुमार जैन की ओर से उससे दो हजार की रिश्वत की मांग की जा रही थी। मोल भाव करने पर जेई एक हजार रुपए लेने पर तैयार हुआ है।

लोकायुक्त की टीम ने 24 जुलाई 2017 को जेई को उसके कार्यालय में एक हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा। उसने शिकायतकर्ता से एक हजार रुपए की रिश्वत लेकर टेबल के कांच के नीचे दबा दी थी। आरोपी के हाथ में जब पानी डाला गया तो उसके हाथ गुलाबी हो गए।

प्रतिपरीक्षण में मुकरा शिकायतकर्ता
प्रकरण की खास बात यह है कि मामले के प्रति-परीक्षण के दौरान शिकायतकर्ता शेखर साहू अपने बयान से मुकर गया। विशेष लोक अभियोजक प्रशांत शुक्ला ने तर्क दिया कि शिकायतकर्ता ने अपने मुख्य परीक्षण में अभियोजन का समर्थन किया है। मामले के अन्य प्रत्यक्षदर्शी और पंच साक्षियों ने भी रिश्वत लेने की बात कही है। मुख्य परीक्षण और प्रतिपरीक्षण में लंबा अंतराल होने की वजह से आरोपी ने शिकायतकर्ता पर प्रभाव डालकर बयान बदलवा लिया। सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने जेई को दोषी करार दिया।

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