मनरेगा सोशल ऑडिट के लिए बनेगी सोसाईटी, खादी-ग्रामोद्योग कर्मचारियों को मिलेगा पांचवें वेतन का लाभ 

मनरेगा सोशल ऑडिट के लिए बनेगी सोसाईटी, खादी-ग्रामोद्योग कर्मचारियों को मिलेगा पांचवें वेतन का लाभ 

Tejinder Singh
Update: 2017-11-21 15:11 GMT
मनरेगा सोशल ऑडिट के लिए बनेगी सोसाईटी, खादी-ग्रामोद्योग कर्मचारियों को मिलेगा पांचवें वेतन का लाभ 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत राज्य में होने वाले कामों का स्वतंत्र प्रणाली के जरिए सोशल ऑडिट कराया जाएगा। इसके लिए मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में स्वतंत्र सोशल ऑडिट सोसायटी बनाने की मंजूरी दी गई। केंद्र सरकार की मनरेगा योजना के तहत हर छह महीने में सोशल ऑडिट करना आवश्यक किया गया है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने सोशल ऑडिट करने और केंद्र को समय-समय पर रिपोर्ट भेजने के लिए सोसायटी बनाने का फैसला लिया है। यह सोसायटी मनरेगा के तहत हुए कार्यों का सोशल ऑडिट करने के लिए नियम पुस्तिका तैयार करने व ग्राम सभा से चर्चा करने सहित सभी जरूरी महत्वपूर्ण काम करेगी। सोशल ऑडिट की रिपोर्ट बेवसाइट पर अपलोड की जाएगी। 

राज्य खादी और ग्रामोद्योग मंडल के कर्मचारियों को मिलेगा पांचवें वेतन आयोग का लाभ 
महाराष्ट्र राज्य खादी और ग्रामोद्योग मंडल के अधिकारी - कर्मचारियों को पांचवां वेतन आयोग की बकाया राशि दी जाएगी। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने यह निर्णय लिया। खादी व ग्रामोद्योग मंडल के कुल 397 अधिकारी व कर्मचारियों को 1 जनवरी 1996 से 31 मार्च 2004 तक की अवधि के लिए पांचवां वेतन आयोग का लाभ मिलेगा। सरकार की तरफ से  3 करोड़ 13 लाख 44 हजार रुपए की बकाया राशि दी जाएगी। बकाया वेतन के संबंध में मंडल के अधिकारी संगठन व अन्य लोगों की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। अदालत ने 17 अप्रैल 2017 को अंतरिम आदेश में बकाया राशि देने के लिए कहा था।

आदिवासी विकास महामंडल के अध्यक्ष - उपाध्यक्ष पद पर होगी नियुक्ति 
आदिवासियों के समाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के लिए उल्लेखनीय काम करने वाले व्यक्ति की भी अब महाराष्ट्र राज्य सहकारी आदिवासी विकास महामंडल के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर नियुक्ति की जा सकेगी। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने महामंडल के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए नियुक्ति मापदंड में बदलाव का फैसला लिया है। राज्य सहकारी आदिवासी विकास महामंडल की स्थापान 1972 में सहकारी संस्था अधिनियम के अनुसार की गई है। आदिवासी समूह के किसान, कारागीर, भूमिहीन मजदूरों के विकास के उद्देश्य से महामंडल बनाया गया है। 

अब उल्लेखनीय काम करने वाले व्यक्तियों की भी नियुक्ति संभव
महामंडल के अध्यक्ष पद पर आदिवासी विकास मंत्री व उपाध्यक्ष पद पर आदिवासी विकास राज्य मंत्री का चयन किया जाता है। इन दोनों पदों पर आदिवासी विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने वालों की भी नियुक्ति की जा सके, इसके लिए महामंडल की संरचना में बदलाव करने का निर्णय सरकार ने लिया है। इसके अनुसार संबंधित नियमों में सुधार करने से महामंडल के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर आदिवासी विकास विभाग के मंत्री और राज्यमंत्री के अलावा आदिवासियों के लिए उल्लेखनीय काम करने वाले व्यक्तियों की भी नियुक्ति संभव हो सकेगी।   
 

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